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BRS ने राज्यसभा सांसदों को जारी किया व्हिप, दिल्ली सेवा अध्यादेश के खिलाफ वोट डालने के लिए कहा

नई दिल्ली। भारत राष्ट्र समिति ने आज अपने राज्यसभा सांसदों को एक व्हिप जारी किया है. इस व्हिप में पार्टी सांसदों से दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश के खिलाफ वोट डालने के लिए कहा गया है. बीआरएस के चीफ व्हिप जे संतोष कुमार ने इसे जारी किया है. इस व्हिप में बीआरएस के सभी […]

(भारत राष्ट्र समिति)
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  • Last Updated: July 26, 2023 18:26:27 IST

नई दिल्ली। भारत राष्ट्र समिति ने आज अपने राज्यसभा सांसदों को एक व्हिप जारी किया है. इस व्हिप में पार्टी सांसदों से दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश के खिलाफ वोट डालने के लिए कहा गया है. बीआरएस के चीफ व्हिप जे संतोष कुमार ने इसे जारी किया है. इस व्हिप में बीआरएस के सभी राज्यसभा सांसदों को अगले तीन दिन, 27, 28 और 29 जुलाई को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है.

केजरीवाल ने मांगा था समर्थन

इससे पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से हैदराबाद में उनके आवास पर मुलाकात की थी. इसे दौरान केजरीवाल ने संसद में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ बीआरएस पार्टी का समर्थन मांगा था. केसीआर ने उन्हें भारत राष्ट्र समिति के समर्थन का वादा भी किया था. इसी कड़ी में आज बीआरएस ने आम आदमी पार्टी के समर्थन में व्हिप जारी किया है. राज्य सभा सांसद जे संतोष कुमार ने सभी राज्य सभा सांसदों को ह्विप जारी कर इस विधेयक के खिलाफ वोट डालने के लिए कहा है.

कैबिनेट ने अध्यादेश को दी मंजूरी

इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिल्ली से जुड़े ट्रांसफर-पोस्टिंग वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद अब जल्द ही इस अध्यादेश को संसद में पेश किया जाएगा. बता दें कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पहले से ही इस अध्यादेश के खिलाफ सदन से लेकर सड़क तक प्रदर्शन कर रही है. AAP को इस अध्यादेश के विरोध में लगभग सभी बड़ी विपक्षी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है.

SC के फैसले के बाद अध्यादेश

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई. इस अध्यादेश में दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े अधिकारों को स्पष्ट किया गया है. अध्यादेश के दोनों सदनों में पास होने का बाद दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग की असली ताकत उपराज्यपाल के पास ही रहेगी.