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अब बुलडोजर नहीं चलेगा… SC ने कसा योगी का शिकंजा, आरोपी होने पर नहीं टूटेगी घर!

नई दिल्ली: यूपी में तो जब भी कोई बड़ा क्राइम होता है, तो योगी जी आरोपी के घर पर बुलडोजर चलवा देते हैं. वहीं कई राज्यों में बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठे है और सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है. उच्चतम न्यायालय ने साफ कहा कि अगर कोई भी इंसान दोषी है, तब […]

bulldozer will not run Now SC tightens the noose around Yogi house will not be demolished if he is accused!
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  • Last Updated: September 3, 2024 10:12:39 IST

नई दिल्ली: यूपी में तो जब भी कोई बड़ा क्राइम होता है, तो योगी जी आरोपी के घर पर बुलडोजर चलवा देते हैं. वहीं कई राज्यों में बुलडोजर एक्शन पर सवाल उठे है और सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी की है. उच्चतम न्यायालय ने साफ कहा कि अगर कोई भी इंसान दोषी है, तब भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना उसके घर को ध्वस्त नहीं किया जा सकता है.

 

कोर्ट ने पूछा सवाल

 

बता दें कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि किसी का घर कैसे ध्वस्त किया जा सकता है. हालांकि सिर्फ इस पर की वह आरोपी है. उच्चतम न्यायालय ने आगे यह भी कहा कि वह किसी भी अनाधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगा. न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

 

घर नहीं तोड़ा जा सकता

 

जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि सारे विवाद को रोका जा सकता है, अगर सरकार आश्वस्त दे कि बुलडोजर जस्टिस के नाम पर कार्रवाई नहीं की जाएगी. वहीं जस्टिस गवई ने बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि किसी के महज आरोपी होने पर उसका घर को कैसे तोड़ा जा सकता है? यहां तक कि अगर वह दोषी साबित हो भी जाए, तो भी यूं ही उसके घर नहीं गिराया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट के पहले रुख के बावजूद सरकार के रुख में हमें कोई बदलाव नजर नहीं आता.

 

तुषार मेहता ने क्या कहा?

 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मुद्दे पर अगस्त 2022 में सरकार ने हलफनामा दायर कर साफ किया है कि अगर कोई आरोपी है, तो उसके घर पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता. वहीं ऐसा तब किया जा सकता है जब म्युनिसिपल कानून के उल्लंघन करता है. जिन जगहों पर कार्रवाई की गई है, वहां नोटिस जारी किए गए थे.

 

लिए दिशानिर्देश जारी होगा

 

ध्वस्तीकरण कार्रवाई के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 17 सितंबर को सुनिश्चित करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हम पूरे देश के लिए दिशा निर्देश निर्धारित करने का प्रस्ताव देते है. कोर्ट ने कहा कि हम देशभर के लिए दिशानिर्देश जारी कर देंगे. इसके लिए दोनों पक्षों से अपनी-अपनी सुझाव देने को कहा गया है.

 

 

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