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Business News: भारत है अधिक संभावना वाली एक प्रमुख अर्थव्यवस्था – ए माइकल स्पेन्स

नई दिल्ली। हमारा देश एक विकासशील देश है। भारत को सबसे अधिक संभावना वाली एक प्रमुख अर्थव्यवस्था बताते हुए, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित Economist ए माइकल स्पेन्स ने कहा है कि इस देश ने दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी डिजिटल अर्थव्यवस्था(Business News) और वित्तीय ढांचे को सफलतापूर्वक विकसित किया है। सर्वाधिक संभावित वृद्धि […]

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  • Last Updated: February 13, 2024 21:08:12 IST

नई दिल्ली। हमारा देश एक विकासशील देश है। भारत को सबसे अधिक संभावना वाली एक प्रमुख अर्थव्यवस्था बताते हुए, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित Economist ए माइकल स्पेन्स ने कहा है कि इस देश ने दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी डिजिटल अर्थव्यवस्था(Business News) और वित्तीय ढांचे को सफलतापूर्वक विकसित किया है।

सर्वाधिक संभावित वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्था

बता दें कि साल 2001 में आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रह चुके स्पेंस ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा के बेनेट यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत के दौरान अपने विचार शेयर किए। इस दौरान उन्होंने कहा, अभी सर्वाधिक संभावित वृद्धि दर वाली अर्थव्यवस्था भारत है। जिसने दुनिया में अब तक की सबसे अच्छी डिजिटल अर्थव्यवस्था और वित्त वास्तुकला को सफलतापूर्वक विकसित किया है। यह खुला प्रतिस्पर्धी है और एक विशाल क्षेत्र में समावेशी प्रकार की सेवाएं भी प्रदान करता है।

गो फर्स्ट की समाधान प्रक्रिया

वहीं राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने बंद पड़ी विमानन कंपनी गो फर्स्ट की समाधान प्रक्रिया पूरी करने के लिए समय बढ़ा दिया(Business News) है। बता दें कि इसकी समय सीमा बढ़ा कर 60 दिन के लिए कर दी गई है। दिल्ली स्थित एनसीएलटी की दो सदस्यीय पीठ की ओर से गो फर्स्ट के समाधान पेशेवर (आरपी) द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया गया। इसमें कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) को पूरा करने के लिए समय सीमा बढ़ाने की अपील की गई थी।

बता दें कि आरपी की तरफ से दिवाकर माहेश्वरी ने दलील दी। उन्होंने कहा कि अब तक तीन पार्टियों ने गो फर्स्ट के लिए अपनी रुचि की अभिव्यक्ति सौंपी है और बयाना राशि जमा की है। इन फर्मों से गो फर्स्ट के लिए समाधान योजना प्रस्तुत करने की उम्मीद की जाती है, जो 10 मई, 2023 से CIRP के दौर से गुजर रहा है। ये एनसीएलटी (NCLT ) द्वारा दिया गया यह दूसरा ऐसा विस्तार बताया जा रहा है।

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