नई दिल्ली. आज सीबीआई निर्देशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. सनुवाई की शुरुआत में सीवीसी की ओर से तुषार मेहता ने बहस शुरू की. तीन महिनों से आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना में विवाद था तो ऐसा क्या हुआ की बिना नियुक्ति समिति को बताए उनके अधिकार क्यों छीने गए?
सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को राकेश अस्थाना की नियुक्ति को बरकरार रखने के आदेश के खिलाफ आम कारण द्वारा दायर की गई याचिका पर विचार करने का फैसला किया है. सीवीसी की ओर से एस जी तुषार मेहता और एजी के के वेणुगोपाल ने की. राकेश अस्थाना की ओर से वरिष्ठ वकील रोहतगी ने अपनी बहस की. आलोक वर्मा के वकील फाली नरीमन ने भी बहस की.
सुप्रीम कोर्ट ने एस जी तुषार मेहता से पूछा की यदि दो अधिकारियों के बीच जुलाई से विवाद चल रहा था तो रातों-रात उनके अधिकार क्यों छीने गए? पहले से इस मामले में कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया? उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई फैसला न लेने पर चयन समिति के पास ये समस्या लेकर क्यों नहीं गए?