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Central Vista Project : हाईकोर्ट से सेंट्रल विस्टा को हरी झड़ी, याचिकाकर्ता पर 1 लाख का जुर्माना, हरदीप पुरी बोले- झूठी कहानी गढ़ रहा विपक्ष

Central Vista Project : सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि इस प्रोजेक्ट को जबरन रोकने के लिए याचिका लगाई गई थी।

Central Vista Project
inkhbar News
  • Last Updated: May 31, 2021 19:32:40 IST

नई दिल्ली. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि इस प्रोजेक्ट को जबरन रोकने के लिए याचिका लगाई गई थी।

अदालत ने कहा कि  लोगों की रुचि इस प्रोजेक्ट में है, और इस पर नवंबर में काम पूरा होने का कॉन्ट्रैक्ट है। अदालत ने कहा कि ये महत्वपूर्ण पब्लिक प्रोजेक्ट है और इसे अलग करके नहीं देखा जा सकता है। ये एक राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट है।

वहीं कोरोना संक्रमण के सवाल पर अदालत ने कहा कि चूंकि अभी सभी वर्कर निर्माण स्थल पर हैं और सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। इसलिए इस कोर्ट के पास कोई कारण नहीं है कि वो आर्टिकल 226 के तहत मिले शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इस प्रोजेक्ट को रोक दे।

कोर्ट के फैसले के बाद फ्रंटफुट पर सरकार

कोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रेस कांफ्रेंस कर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा में 2 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, इसमें से एक संसद की नई बिल्डिंग के निर्माण से जुड़ा है तो दूसरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट है। इन दोनों में कुल मिलाकर 1300 करोड़ रुपए का खर्च आ रहा है।

उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से सेंट्रल विस्टा पर फॉल्स नैरेटिव फैलाया जा रहा है, सरकार पर झूठे इल्जाम लगाए जा रहे हैं. इस पर महामारी से बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।

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