नई दिल्ली : नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के छठे रूप मां कात्यानी की पूजा की जाती है. इस वर्ष की देवी पूजा रविवार 14 अप्रैल 2024 को होगी. बता दें कि माँ दुर्गा का ये रूप ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुआ था. ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से देवी के इस अवतार की पूजा करते हैं उन्हें जीवन में किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है.
मां कात्यायनी की पूजाविधि
भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे नवरात्र के छठे दिन जल्दी उठें, स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. फिर पूजा घर को साफ करें और मां कात्यायनी की प्रतिमा पर ताजे फूल चढ़ाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं. इसके बाद वैदिक मंत्रों का जाप और प्रार्थना करें. मां को कमल का फूल अवश्य चढ़ाएं, फिर उन्हें भोग के रूप में शहद चढ़ाएं. आरती से पूजा को पूर्ण करें और क्षमा प्रार्थना करें.
Navratri Celebrated
सद्भाव और विकास का प्रतीक
नवरात्रि के छठे दिन का रंग हरा है, जो सद्भाव और विकास का प्रतीक है. ये प्रकृति, उर्वरता और शांति का भी प्रतीक है. बता दें कि इस दिन हरा रंग पहनना बहुत शुभ माना जाता है. हालांकि जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें माता रानी की कृपा से सुरक्षा, वीरता और समृद्धि प्राप्त होती है. अगर आप देवी की कृपा पाना चाहते हैं तो इस दिन हरे रंग की पोशाक पहनें और देवी से प्रार्थना करें कि वो आपको शांति प्रदान करें.
देवी कात्यायनी मंत्र
”चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी”॥
”या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः”॥
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