Cm Yogi On Brajesh Pathak: समाजवादी पार्टी (सपा) के मीडिया सेल द्वारा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा ‘यद्यपि समाजवादी पार्टी से किसी आदर्श आचरण की अपेक्षा करना व्यर्थ है किंतु सभ्य समाज उनके अशोभनीय एवं अभद्र वक्तव्यों को सहन नहीं कर सकता.’ योगी ने सपा नेतृत्व से अपने सोशल मीडिया हैंडल्स की समीक्षा करने और मर्यादित भाषा का उपयोग सुनिश्चित करने की मांग की है.
16 मई 2025 को सपा के आधिकारिक एक्स हैंडल ‘समाजवादी पार्टी मीडिया सेल’ से एक पोस्ट किया गया. जिसमें ब्रजेश पाठक के डीएनए पर सवाल उठाते हुए आपत्तिजनक और अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया. पोस्ट में पाठक के दिवंगत माता-पिता को लेकर भी अभद्र टिप्पणी की गई थी. इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से सवाल किया. ‘क्या ये आपकी पार्टी की भाषा है? ये आपका आधिकारिक हैंडल है. किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए ऐसी भाषा ठीक है? लोकतंत्र में सहमति-असहमति चलती है लेकिन आप अपनी पार्टी को इस स्तर तक ले जाएंगे?’
पाठक ने यह भी पूछा ‘क्या डिंपल यादव जी इस स्त्री-विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी?’ उनकी इस प्रतिक्रिया ने सपा को बैकफुट पर ला दिया.
अखिलेश यादव का जवाब- डीएनए विवाद को भगवान श्रीकृष्ण से जोड़ा
अखिलेश यादव ने 17 मई को एक्स पर जवाब देते हुए मामले को नया मोड़ दिया. उन्होंने लिखा ‘हमने उपमुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लिया और पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाया है जो आपके ‘अति अशोभनीय’ डीएनए वाले बयान से आहत होकर आपा खो बैठे. अखिलेश ने पाठक पर पलटवार करते हुए कहा कि डीएनए पर टिप्पणी करना किसी के मूलवंश और उद्गम पर हमला है.
उन्होंने अपनी यदुवंशी पहचान का जिक्र करते हुए लिखा हम यदुवंशी हैं और यदुवंश का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से है. आपके डीएनए पर प्रहार ने हमें धार्मिक रूप से आहत किया है.’ खिलेश ने पाठक से अपनी टिप्पणी के लिए क्षमा मांगने और नकारात्मक राजनीति से बचने की अपील की. उन्होंने कहा ‘आपके विचारों में पहले ऐसा विचलन नहीं था. एकांत में आत्ममंथन करें और राजनीति की शुचिता बनाए रखें.’
मुख्यमंत्री योगी ने सपा की टिप्पणी को ‘अशोभनीय और अस्वीकार्य’ करार देते हुए कहा कि यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है. उन्होंने एक्स पर लिखा सपा का इतिहास अपराधियों और माफियाओं को संरक्षण देने का रहा है. उनकी भाषा और आचरण समाज को बांटने वाला है. जनता उनकी सच्चाई जान चुकी है.’ योगी ने सपा नेतृत्व से मर्यादित और संयमित भाषा अपनाने की सलाह दी ताकि राजनीति की गरिमा बनी रहे.
बीजेपी ने इस विवाद को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा ‘सपा की यह टिप्पणी उनकी हताशा और संस्कारहीनता को दर्शाती है. अखिलेश जी डीएनए की बात छोड़िए, पहले अपने मीडिया सेल की भाषा सुधारिए.’ बीजेपी ने इसे यूपी में सपा के कमजोर जनाधार और 2027 विधानसभा चुनाव से पहले उनकी बौखलाहट से जोड़ा.
सोशल मीडिया पर इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया. कुछ यूजर्स ने सपा की टिप्पणी को ‘स्तरहीन’ बताया तो कुछ ने अखिलेश के जवाब को ‘धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग’ करार दिया. एक यूजर ने लिखा ‘सपा का यह बयान उनकी हार की मानसिकता दिखाता है. योगी जी ने सही कहा सभ्य समाज ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं करेगा.’ वहीं सपा समर्थकों ने दावा किया कि पाठक ने पहले डीएनए पर टिप्पणी कर विवाद शुरू किया.