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CJI चंद्रचूड़ विदाई समारोह में हुए इमोशनल, कहा हमारे फैसले का नागरिकों की जिंदगी…

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का सुप्रीम कोर्ट में विदाई समारोह का आयोजन सुप्रीम कोर्ट में किया गया. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल की यादें साझा कीं साथ ही साथ जीवन के कई पहलुओं पर बात भी की। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश का काम जटिल मुद्दों पर फैसले लेना है, लेकिन […]

Dhananjaya Yeshwant Chandrachud , farewell ceremony
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  • Last Updated: November 8, 2024 20:29:27 IST

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का सुप्रीम कोर्ट में विदाई समारोह का आयोजन सुप्रीम कोर्ट में किया गया. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल की यादें साझा कीं साथ ही साथ जीवन के कई पहलुओं पर बात भी की। उन्होंने कहा कि एक न्यायाधीश का काम जटिल मुद्दों पर फैसले लेना है, लेकिन इन फैसलों का समाज पर पड़ने वाला असर उनके लिए सबसे अहम है। चंद्रचूड़ ने अपने अंतिम दिन एक इमोशनल स्पीच दी, जिसमें उन्होंने अपने सहकर्मियों, कानूनी समुदाय और न्यायपालिका के प्रति आभार प्रकट किया।

माता-पिता का किया ज़िक्र

मुख्य न्यायाधीश ने अपने परिवार का ज़िक्र करते हुए बताया कि उनके पिता ने अनुशासन का पालन किया, लेकिन बच्चों पर इसे कभी थोपा नहीं। उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने पुणे में एक छोटा फ्लैट खरीदा, ताकि अगर कभी नैतिकता पर आंच आए, तो मेरे पास सिर छुपाने की जगह हो।” उन्होंने अपने बचपन की बीमारी के समय का एक श्लोक भी साझा किया, जिसे उनकी मां दवा देने से पहले बोला करती थीं।

अपने लिए गए निर्णयों को किया याद

अपने कार्यकाल के दौरान प्रेरणा के स्रोत पर उन्होंने कहा, हमारे फैसले नागरिकों की जिंदगी पर असर डालते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान न्यायिक परीक्षा में दृष्टिहीन उम्मीदवारों को साक्षात्कार में बैठने की अनुमति देने का निर्णय किया, जो बाद में सफल रहे। इतना ही नहीं, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित एक डॉक्टर को मेडिकल प्रवेश दिलवाने और एक मजदूर के बेटे को आईआईटी में दाखिला दिलाने जैसे कई फैसले उनके कार्यकाल में शामिल हैं।

CJI Chandrachud farewell Speech

कपिल सिब्बल ने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने अपने संबोधन में चंद्रचूड़ के संवेदनशील और शांत स्वभाव की तारीफ की और कहा कि उन्होंने विकलांग अधिकारों, लैंगिक समानता और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिया। इस दौरान उन्होंने चंद्रचूड़ को देश के महानतम न्यायाधीशों में से एक बताया। इसके अलावा समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि चंद्रचूड़ का जगह भरना मुश्किल है. आगे उन्होंने कहा कि उनकी कार्यशैली, धैर्य व मानवीय दृष्टिकोण न्यायपालिका में एक मिसाल बनेंगे। अटॉर्नी जनरल ने भी उनके नेतृत्व और कोर्ट में किए सुधारों की सराहना की।

आखिरी में मांगी माफ़ी

आखिर में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने सभी से माफ़ी मागंते हुए कहा कि अनजाने में किसी को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए वे माफ़ी मांगते है। इसके साथ ही उनका यह विदाई समारोह इस बात का सबूत बना कि एक न्यायाधीश के तौर पर उनका समर्पण कैसा रहा. इसके अलावा उन्होंने न्याय करते समय हमेशा मानवता और गरिमा बनाई रखी.

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