नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अपने अंतिम दौर में है। पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में पूर्ण बहुमत से काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने फिर से सरकार में आने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि ‘आप’ के लिए इस बार का चुनाव आसान नहीं है। विपक्षी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस इस बार काफी मजबूती से चुनाव लड़ रही है।
कई राजनीतिक विश्लेषक तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पार्टी में दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया की सीट फंसी हुई है। बता दें कि केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं सिसोदिया जंगपुरा विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं।
इस बीच बीजेपी के एक नेता ने एक इंटरव्यू में बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की मौजूदा सीएम आतिशी चाहती हैं कि उनके पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल चुनाव हार जाएं। इस नेता का दावा है कि अगर केजरीवाल खुद की सीट हार जाते हैं और AAP विधानसभा चुनाव जीतती है तो आतिशी फिर से मुख्यमंत्री बन जाएंगी। यही वजह है कि आतिशी चाहती हैं कि केजरीवाल खुद चुनाव हार जाएं और पार्टी जीत जाए।
मालूम हो कि आम आदमी पार्टी पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में है। 2015 के विधानसभा चुनाव में जहां AAP ने 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 2020 के चुनाव में पार्टी को 70 में से 62 सीट पर जीत मिली। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि पार्टी की राह मुश्किल होने वाली है।
आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव काफी मुश्किलों भरा बताया जा रहा है। AAP को सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए अपने 70% विधायकों का टिकट काटना पड़ा है। इसके साथ ही मनीष सिसोदिया जैसे दिग्गज नेता को अपनी सीट बदलनी पड़ी है।
गौरतलब है कि दिल्ली की सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान होगा। 8 फरवरी को रिजल्ट की घोषणा की जाएगी। दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी को ख़त्म होने वाला है।2020 विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा 6 जनवरी को हुई थी। सभी 70 सीटों पर एक चरण में 8 फरवरी 2020 को वोटिंग हुई थी और नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को हुई थी।
साल 2020 में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, वहीं भाजपा सिर्फ 8 सीटें जीतने में कामयाब रही। आम आदमी पार्टी ने 53.57% वोट शेयर हासिल किया था। कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।