नई दिल्ली: दिल्ली में हाड़ कंपा देने वाली ठंड से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में 13 और 14 दिसंबर को शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया गया है.
इस बार दिल्ली में समय से पहले शीतलहर ने दस्तक दे दी है. ठंडी हवा और तापमान में गिरावट ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. गुरुवार (12 दिसंबर) को दिल्ली में पिछले तीन सालों में सबसे ठंडे दिन के रूप में दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान गिरकर 4.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. वहीं दिल्ली में 13 और 14 दिसंबर को शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया गया है. सड़कें पानी से भर गई हैं. इससे यातायात प्रभावित हुआ है.
तमिलनाडु के कई हिस्सों में लगातार बारिश से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं. तिरुनेलवेली, मदुरै समेत कई जिलों में लगातार बारिश के कारण सड़कें पानी से भर गई हैं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है. इसके चलते पुडुचेरी के शिक्षा मंत्री नामचिवायम ने कहा कि पुडुचेरी और कराईकल में सभी स्कूल और कॉलेज 13 दिसंबर को बंद रहेंगे. वहीं, तमिलनाडु में रात से लगातार बारिश हो रही है. चेन्नई के कई इलाकों में जलभराव हो गया है. अगले दो दिनों तक तापमान में गिरावट जारी रहेगी.
दिल्ली के कई स्कूलों को शुक्रवार (13 दिसंबर) सुबह एक बार फिर धमकी भरे मेल आए हैं. मेल की जानकारी दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को दी गई, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू हो गई. अभी तक की जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. जिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है उनमें ईस्ट ऑफ कैलाश डीपीएस, सलवान स्कूल, मॉडर्न स्कूल और कैम्ब्रिज स्कूल शामिल हैं.
पीएमओ ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि मोदी 13 दिसंबर को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे. वह दोपहर करीब 12:15 बजे प्रयागराज जाएंगे और संगम तट पर पूजा और दर्शन करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री करीब 12:40 बजे अक्षय वट वृक्ष की पूजा करेंगे. इसके बाद हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप पर दर्शन-पूजन करेंगे. प्रधानमंत्री महाकुंभ 2025 के लिए जिन विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, उनमें प्रयागराज में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए 10 नए फ्लाईओवर, स्थायी घाट और नदी के किनारे की सड़कें जैसी विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाएं शामिल होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरब अमीरात के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से चर्चा की. अपनी बैठक के दौरान, उन्होंने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक ‘ऐतिहासिक पहल’ के रूप में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (आईएमईसी) के कार्यान्वयन पर जोर दिया। इस चर्चा की जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई.
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