COVID-19 surge in India: देश में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. एक बार फिर से महानगर तेजी से कोरोना की गिरफ्त में आ रहे हैं. दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और तिरुवनंतपुरम जैसे बड़े शहरों और महानगरों में कोविड 19 के मरीजों में इजाफा हो रहा है. दक्षिण भारतीय राज्यों में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे राज्यों के बाद पश्चिम में महाराष्ट्र और उत्तर भारत में दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों ने माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ा दी है. देश के 20 राज्यों में कोरोना पैर पसार चुका है और एक्टिव केस बढ़कर 1010 हो गये हैं.
बात करें देश की राजधानी दिल्ली की तो यहां कोरोना के 104 मरीज हो गये हैं. यहां पिछले एक हफ्ते में 99 नये मरीज मिले हैं. यहां पर 19 मई से पहले कोरोना संक्रमण के केस सिर्फ पांच थे. लेकिन एक हफ्ते में 99 एक्टिव केस बढ़ गये हैं. एनसीआर नोएडा-गाजियाबाद में भी कोरोना संक्रमण बढ़े हैं. इसी तरह से मुंबई में भी नये मामले बढ़ रहे हैं. महाराष्ट्र में 69 नये मामलों के साथ कुल मरीजों की संख्या 278 हो गई
देश में कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे हैं. दक्षिणी राज्यों के बाद महाराष्ट्र में 69 नये मामलों के साथ कुल मरीजों की संख्या 278 हो गई है जबकि गुजरात में यह संख्या 83 तक पहुंच गई है. सबसे ज्यादा केरल में कोरोना के 335 नये केस एक हफ्ते में रििपोर्ट हुए हैं और कुल संख्या 430 तक पहुंच गई है. इनमें से कई मरीजों की विदेश से लौटने की हिस्ट्री पाई गई है. कर्नाटक में कोरोना के एक्टिव केस 26 मई तक 47 हो गए हैं और एक मौत हुई है. इसमें ज्यादातर केस बेंगलुरु के हैं. तमिलनाडु में भी कोरोना का संक्रमण बढ़ा है.
कोविड संक्रमण की निगरानी कर रही एजेंसी INSACOG के अनुसार, नए वैरिएंट NB.1.8.1 and LF.7 से थोड़ी चिंता बढ़ी थी लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लक्षण ज्यादा गंभीर नहीं हैं. ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो जा रहे हैं. कोरोना से पिछले एक हफ्ते में देश में सात लोगों की मौत हुई है. केरल में दो जबकि महाराष्ट्र में चार मौतें हुई हैं और एक मौत कर्नाटक में हुई है.
देश में कोविड-19 के दो नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 का संक्रमण फैल रहा है. ये खतरनाक तो नहीं है, लेकिन मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, चिंता की कोई बात नहीं है. हम सतर्क और तैयार हैं. उन्होंने कहा कि देश में कोरोना का प्रसार पहले दक्षिण भारत, फिर महाराष्ट्र-गुजरात जैसे पश्चिमी राज्यों से अब दिल्ली-यूपी के रास्ते उत्तर भारत में बढ़ रहा है. उत्तर प्रदेश में तुलनात्मक रूप से केसेज की संख्या अभी कम है, पिछले एक हफ्ते में कुल 15 मामले सामने आये हैं. एक्सपर्ट्स ने सलाह दी है कि घबराने की नहीं, एहतियात बरतने की जरूरत है.
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