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दिल्ली में मंकी पॉक्स का खतरा, सफदरजंग अस्पताल में तैयार हाई-सिक्योरिटी आइसोलेशन वार्ड

दुनिया भर में मंकी पॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। भारत भी इस स्थिति को गंभीरता से

Monkeypox Virus isolation ward Safdarjung Hospital
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  • Last Updated: September 8, 2024 22:56:14 IST

नई दिल्ली: दुनिया भर में मंकी पॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है। भारत भी इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पूरी तरह अलर्ट मोड में है। राजधानी दिल्ली में मंकी पॉक्स के संभावित मामलों के लिए तैयारी तेज कर दी गई है।

विशेष आइसोलेशन वार्ड

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने मंकी पॉक्स के मरीजों के लिए एक आइसोलेशन वार्ड तैयार किया है। यह वार्ड अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की छठी मंजिल पर स्थित है। इसमें छह कमरे P4, P6, P8, P9, P10, और P11 शामिल हैं। मरीजों का इलाज और परीक्षण यहीं किया जाएगा।

सुरक्षा मानक और गाइडलाइंस

आइसोलेशन वार्ड में तैनात सभी कर्मचारियों के लिए पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, मंकी पॉक्स से संक्रमित मरीजों की निगरानी और इलाज के लिए विशेष गाइडलाइंस जारी की गई हैं। संक्रमित मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए फ्री ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

डॉक्टरों की संपर्क जानकारी

सफदरजंग अस्पताल ने उन डॉक्टरों के नाम और नंबर जारी किए हैं जिनसे मंकी पॉक्स के संदिग्ध मामलों पर संपर्क किया जा सकता है। स्किन रोग विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी डॉ. सुश्रुत कथूरिया ने बताया कि मंकी पॉक्स को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।

मंकी पॉक्स संक्रमण और लक्षण

मंकी पॉक्स का संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति के आस-पास होने या असुरक्षित शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैल सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, स्किन पर लाल चकत्ते, फफोले और शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन शामिल हैं। डॉ. सुश्रुत ने कहा कि संदिग्ध मरीजों की जल्द पहचान और इलाज के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। दिल्ली में इस प्रकार की तैयारियों से मंकी पॉक्स के संभावित खतरे से निपटने में मदद मिलेगी और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।

 

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