नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना की जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के बाद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का पाकिस्तान पर जबरदस्त दबाव है. ऐसे में पाकिस्तान गंभीरता दिखाते हुए अपनी धरती पर पल रहे 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम और हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाउद्दीन को भारत को सौंप सकता है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
भले ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (UNSC) में चीन के अड़ंगे के कारण जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की भारत की उम्मीदों को झटका लगा हो. लेकिन दुनिया के कई देश उसके साथ खड़े हैं. फ्रांस सरकार ने देश में मसूद की संपत्ति जब्त करने के आदेश दे दिए हैं. दाऊद इब्राहिम को अमेरिका और यूएन भी वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुके हैं. 1993 बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी. दाऊद कराची में रहता है. वहीं सलाउद्दीन भी वैश्विक आतंकी है, जो पीओके और रावलपिंडी में रहकर आतंकवाद की पाठशाला चलाता है.
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान तीसरी दुनिया के देशों के साथ मिलकर अपनी धरती पर चल रहे आतंकी कैंपों के अंतरराष्ट्रीय सत्यापन पर काम कर सकता है. इसकी जानकारी भारत के साथ भी साझा की गई है. सूत्रों ने मसूद अजहर पर चीन के कदम पर निराशा जरूर जताई. लेकिन चीन ने अड़ंगा नहीं अड़ाया. भारत को विश्वास है कि यूएनएससी जैश सरगना को वैश्विक आतंकी घोषित करेगा. उन्होंने कहा, चीन जानता है कि पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकी संगठन पल रहे हैं और उसके हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसे में भारत संयम दिखाएगा.