नई दिल्ली. इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण की भारी मार झेल रही है. दीपावली के बाद से राजधानी की हवा लगातार खराब बनी हुई है. इसके पीछे किसानों का पराली जलाना और आतिशबाजी को मुख्य कारन बताया जा रहा है. बीते दिनों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 900 के पार चला गया था, इसके बाद हालत कुछ सुधरे ज़रूर लेकिन दिल्ली की हवा अभी भी ख़तरनाक़ ( Deaths due to Pollution ) स्थिति में बरक़रार है.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोज़ाना खतरनाक और बेहद खतरनाक स्तर पर बना रहता है ऐसे में प्रदेशवासियों के लिए घर से बाहर निकलना भी दूबर हो गया है. लगातार खराब होती हवा के चलते राजधानी में लोगों ने सुबह की सैर पर जाना बंद कर दिया है. वहीं सांस सम्बन्धी बीमारी वाले व्यक्तियों को और अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
भारत समेत विश्व के कई देश ऐसे हैं ऐसे हैं जो लगातार प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे हैं. सभी देश तमाम वह तरीके अपना रहे हैं जिनके चलते वे प्रदूषण की इस समस्या से निपट सके. यही कारण है की विश्व भर में सालाना 70 लाख लोगों प्रदूषण के चलते अकाल मृत्यु प्राप्त कर रहे हैं. यूरोपीय पर्यावरण एजेंसी (EEA) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के नवीनतम वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों का यूरोपीय संघ के द्वारा पालन किया जाता है, तो 2019 में दर्ज की गई मौतों की नवीनतम संख्या आधी हो सकती है.