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Delhi: फर्जी मेडिकल बिल से रेलवे में 15 लाख रुपये का घपला, असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर ने किया फर्जीवाड़ा

नई दिल्लीः रेलवे में घोटाले का मामला सामने आया है। रेलवे बोर्ड में तैनात एक असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ) ने फर्जी मेडिकल बिल के जरिये 15 लाख रुपये का घपला किया है। फिलहाल सोनीपत निवासी एएसओ अनुराग को निलंबित कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी (एडमिन) की शिकायत पर नई दिल्ली जिले […]

Scam of Rs 15 lakh in Railways
inkhbar News
  • Last Updated: December 31, 2023 09:23:28 IST

नई दिल्लीः रेलवे में घोटाले का मामला सामने आया है। रेलवे बोर्ड में तैनात एक असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर (एएसओ) ने फर्जी मेडिकल बिल के जरिये 15 लाख रुपये का घपला किया है। फिलहाल सोनीपत निवासी एएसओ अनुराग को निलंबित कर दिया गया है। रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी (एडमिन) की शिकायत पर नई दिल्ली जिले के साइबर सेल थाने में धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। सूत्रों के हवाले से चार लोगों के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया, लेकिन पुराने बिलों की भी जांच की जाएगी। कहा जा रहा है कि घोटाले की रकम ज्यादा हो सकती है। फिलहाल आराेपी एएसओ कहां है, इसकी सूचना नहीं है।

15 लाख रुपये का घोटाला

पुलिस के मुताबिक, गत बुधवार को रेलवे बोर्ड के डिप्टी सेक्रेटरी (एडमिन) सुशील कुमार सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर के अनुसार, एएसओ ने केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के लाभार्थियों के नाम पर फर्जी बिल बनाए। इसके बाद इन बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दे दी। चार बैंक खातों में करीब 15 लाख रुपये भेजे गए। पहला बिल वंदना सोढ़ी 3.91 लाख रुपये बसंत मेमोरियल अस्पताल (रायपुर), दूसरा बिल सुमन चौरसिया 3.42 लाख रुपये चिराग अस्पताल, तीसरा बिल सीता देवी 3.27 लाख रुपये आवाम अस्पताल और चौथा बिल चेतन दास 4.55 लाख रुपये साईं फाउंडेशन अस्पताल के नाम से जारी हुआ है।

बता दें रेलवे की आंतरिक जांच में पाया गया कि इस तरीके के बिल कभी भुगतान के लिए नहीं आए थे। यह भी पाया गया कि बिल के आधार पर फर्जी नामों से ई-फाइलें खोलकर पे एंड अकाउंट ऑफिस रेलवे बोर्ड, रेल भवन को मंजूरी का निर्देश जारी किया गया।

घोटाले के खुलासे के बाद से आरोपी फरार

घोटाले के बारे में पता चलने के बाद आरोपी अनुराग फरार है। उसने अपना फोन बंद कर लिया और कार्यालय नहीं आया। रेलवे ने विभागीय कार्रवाई करते हुए उसे आठ नवंबर को निलंबित कर दिया। फिलहाल इस मामले में पुराने रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं साथ ही जांच कार्य में है। माना जा रहा है कि यह घपला काफी बड़ा हो सकता है। पुलिस ने रेलवे से भी इससे संबंधित कुछ कागजात मांगे हैं।

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