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डेरा प्रमुख राम रहीम को चुनाव से पहले जेल से मिल सकती है पैरोल

नई दिल्ली: साल 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

Gurmeet Ram Rahim Singh
inkhbar News
  • Last Updated: August 24, 2024 20:12:03 IST

नई दिल्ली: साल 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. तब से वह 10 बार पैरोल या फ़र्लो पर जेल से बाहर आ चुका है. वहीं इन पैरोलों और फर्लो पर बारीकी से नजर डालने से पता चलता है कि हाल की कई पैरोलें हरियाणा और अन्य राज्यों में चुनावों के साथ मेल खाती हैं. नवीनतम छुट्टी भी हरियाणा में 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से कुछ सप्ताह पहले आई है.

साल 2022 में तीन बार किया गया जेल से रिहा

आपको बता दें कि साल 2022 में डेरा प्रमुख को तीन बार जेल से रिहा किया गया. पहली बार पंजाब विधानसभा चुनाव होने से कुछ हफ्ते पहले फरवरी की शुरुआत में 21 दिन की छुट्टी मिली थी. इस दौरान आम आदमी पार्टी (आप) 92 सीटों के साथ सत्ता में आई, जबकि भाजपा ने केवल दो और कांग्रेस ने 18 सीटें जीतीं. फिर उन्हें जून में 30 दिन की पैरोल मिली, इस कदम पर हैरानी बढ़ गई क्योंकि पंचायत चुनाव नजदीक थे. हालांकि वह उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने आश्रम में ही सीमित रहे, लेकिन रोहतक जिले में राम रहीम के ऑनलाइन सत्संग (प्रवचन) में उस समय हलचल मच गई जब भाजपा नेता और करनाल की पूर्व मेयर रेनू बाला गुप्ता को वस्तुतः उनका आशीर्वाद लेते देखा गया. फिर अक्टूबर में आदमपुर में विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उन्हें फिर से 40 दिन की पैरोल मिल गई.

पंचायत चुनाव के दौरान मिली थी पैरोल

अगले वर्ष जुलाई में डेरा प्रमुख को 30 दिन की पैरोल मिली, यह तब मिली जब राज्य के कुछ हिस्सों में पंचायत चुनाव हो रहे थे. इसके बाद वह नवंबर 2023 में 21 दिन की छुट्टी पर बाहर आए, राजस्थान से कुछ ही दिन पहले एक और राज्य जहां डेरा के पर्याप्त अनुयायी हैं वहां गए थे. इस जनवरी में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उन्हें 50 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था.

एसजीपीसी जताई आपत्ति

वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने राम रहीम की बार-बार जेल से रिहाई पर लगातार आपत्ति जताई है और इसे पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती भी दी है, लेकिन पिछले महीने कोर्ट ने एसजीपीसी की याचिका खारिज कर दी.

जेल अधिकारियों का दावा है कि राम रहीम को अधिमान्य उपचार नहीं मिल रहा है और वह उस सुविधा का लाभ उठा रहा है जो सभी दोषियों के लिए उपलब्ध है. 2023 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार राज्य की तीन केंद्रीय और 17 जिला जेलों में बंद 5,832 दोषियों में से 2,801 ने अस्थायी रिहाई का लाभ उठाया, जिसमें 2007 पैरोल पर और 794 फरलो पर थे. अधिकारियों के मुताबिक कुछ दोषियों ने दोनों का लाभ उठाया.

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