Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • दिव्यांग नौकरीपेशा आयुषी ने तोड़ा यूपीएससी का चक्रव्यूह, मुश्किलों को पार कर हासिल की कामयाबी

दिव्यांग नौकरीपेशा आयुषी ने तोड़ा यूपीएससी का चक्रव्यूह, मुश्किलों को पार कर हासिल की कामयाबी

नई दिल्ली, जब इंसान कुछ कर गुजरने के लिए ठान लेता है तो कोई भी मुश्किल उसके कार्य में रोड़ा नहीं बन सकती, बेशक वह दिव्यांग ही क्यों न हो. ऐसा ही कारनामा यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा के नतीजों में देखने को मिला है. दिल्ली देहात के रानी खेड़ा गांव की आयुषी डबास ने […]

upsc cse topper 2021
inkhbar News
  • Last Updated: May 31, 2022 16:32:58 IST

नई दिल्ली, जब इंसान कुछ कर गुजरने के लिए ठान लेता है तो कोई भी मुश्किल उसके कार्य में रोड़ा नहीं बन सकती, बेशक वह दिव्यांग ही क्यों न हो. ऐसा ही कारनामा यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा के नतीजों में देखने को मिला है. दिल्ली देहात के रानी खेड़ा गांव की आयुषी डबास ने शादीशुदा, नौकरीपेशा और दिव्यांग होने के बावजूद वह कारनामा कर दिया, जिसे बहुत से लोग नहीं कर पाते हैं.

चौथे प्रयास में बनीं आईएएस

आयुषी डबास ने शिक्षा ग्रहण करने की तरह नौकरी प्राप्त करने में भी एक इतिहास रचा है, यूपीएससी की सिविल सर्विस के नतीजों में उन्होंने सामान्य वर्ग में 48वां रैंक हासिल किया है. वह चौथे प्रयास में 30 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गई. मौजूदा समय में आयुषी मुबारिकपुर डबास स्थित दिल्ली सरकार के स्कूल में पीजीटी हैं, साल 2012 में नगर निगम के स्कूल में अनुबंध के आधार पर वे शिक्षक बनी थी, जबकि वर्ष 2016 में उन्होंने दिल्ली सरकार के स्कूल में स्थायी तौर पर शिक्षक की नौकरी हासिल की थी. स्थाई नौकरी होने के बावजूद भी वह अपनी तरक्की करने में जुटी रही.

आयुषी डबास शिक्षक की नौकरी में तरक्की करने के कोशिश करने के साथ ही आईएएस अधिकारी बनने की भी तैयारी में जुटी रही. उन्होंने साल 2018 में आईएएस अधिकारी बनने के उन्होंने लिए परीक्षा देना शुरू किया और उन्हें इस साल चौथे प्रयास में बड़ी सफलता मिली.

साल 1992 में जन्मी आयुषी डबास की शादी वर्ष 2019 में हरियाणा के झज्जर जिला के डीघल गांव में होती थी, उनके पति आस्ट्रेलिया में नौकरी करते है और उनके पिता पंजाब में एक कंपनी में नौकरी करते है, जबकि उनकी मां दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी थी. आयुषी की माँ ने अपनी बेटी की सहायता करने के लिए वीआरएस ली थी.

 

राज्यसभा चुनाव 2022: BJP ने नकवी-अकबर-जफर को नहीं दिया टिकट, संसद में नहीं होगा कोई मुस्लिम चेहरा