Waqf Bill: विवादित वक्फ संसोधन विधयेक आज यानी 2 अप्रैल को प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में पेश किया जायेगा। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर 8 घंटे चर्चा का समय निर्धारित किया है। इसमें से 4 घंटे 40 मिनट का समय सत्ता पक्ष को दिया जाएगा बाकी के विपक्ष को। चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी यानी TDP और नीतीश कुमार की JDU ने बिल को समर्थन देने का ऐलान किया है। इधर मुस्लिम नेता इस बिल का विरोध कर रहे।
बिल पास होने से रोकिए
मुस्लिम नेता इस बिल को संविधान विरोधी बता रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यानी एआईएमपीएलबी ने इस बिल का विरोध किया है। बोर्ड की तरह से सभी सेक्युलर राजनीतिक दलों, जिनमें बीजेपी की सहयोगी पार्टियां और सांसदों से अपील की गई है कि वो वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में वोट न करें। बोर्ड ने कहा कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में काफीहस्तक्षेप करेगा। यह अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों को कमजोर करेगा। एआईएमपीएलबी ने अपने बयान में कहा कि कुछ भी कीजिए लेकिन किसी भी परिस्थिति में इस बिल को पास होने से रोकिए।
बिल के विरोध में न्यूट्रल पार्टियां
विपक्ष इस बिल के विरोध में है। तमिलनाडु की AIADMK, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और के चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति जैसी न्यूट्रल पार्टियां भी विपक्ष का समर्थन कर रही है। इंडिया गठबंधन ने इस बिल को लेकर संसद भवन के अपनी रणनीति पर चर्चा की। साथ ही चर्चा का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग की गई।
वक्फ का मतलब जानिए
वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब है किसी को कुछ दान देना। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से घर, जमीन या पैसा किसी मस्जिद, स्कूल या अस्पताल जैसे धार्मिक कार्यों के लिए दे देता है तो फिर इसे वक्फ कहा जायेगा। ऐसे में वह व्यक्ति फिर उस संपत्ति का मालिक नहीं रहता है बल्कि दान हुई संपत्ति अल्लाह का माना जाता है।
जानिए सरकार वक्फ बोर्ड के कानून में क्या बदलाव कर रही?
- वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिमों रहेंगे।
- महिला और अन्य मुस्लिम समुदाय का पार्टिसिपेशन बढ़ाया जायेगा।
- बोर्ड पर सरकार अपना नियंत्रण बढ़ाना चाहता है। इससे वक्फ के पैसे और संपत्ति का हिसाब-किताब पारदर्शी रहेगा।
- जिला मजिस्ट्रेट के ऑफिस में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा ताकि संपत्ति के मालिकाना हक का पता रहे।
- CAG वक्फ के खातों का किसी भी वक़्त ऑडिट करवा सकती है।
- वक्फ परिषद में पहले सिर्फ सिर्फ शिया और सुन्नी होते थे लेकिन अब आगा खानी और बोहरा भी होंगे।
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