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झांसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने पार की संवेदनहीनता की हद, मरीज की टांग काटकर बना दिया तकिया

अस्पतालों में अकसर डॉक्टरों की संवेदनहीनता के मामले सामने आते रहते हैं लेकिन झांसी अस्पताल के इस मामले में तो डॉक्टरों ने संवेदनहीनता की हद पार कर दी. युवक के उपचार के वक्त डॉक्टरों ने कटी हुई टांग को तकिए के रूप में इस्तेमाल करते हुए उसके सिर के नीचे लगा दिया.

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inkhbar News
  • Last Updated: March 10, 2018 23:55:15 IST

झांसी. डॉक्टरों की लापरवाही और अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. लेकिन यूपी के झांसी में जैसा मामला सामने आया है आप भी डॉक्टरों की संवेदनहीनता पर चौंके बगैर नहीं रह पाएंगे. दरअसल उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने मरीज की कटी हुई टांग को तकिए के रूप में इस्तेमाल किया.

युवक की एक एक्सीडेंट में टांग टूट गई थी. डॉक्टरों को युवक की बांयी टांग काटनी पड़ी. गंभीर रुप से घायल युवक को झांसी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. युवक के उपचार के वक्त डॉक्टरों ने कटी हुई टांग को तकिए के रूप में इस्तेमाल करते हुए उसके सिर के नीचे लगा दिया. डॉक्टरों का यह कारनामा कैमरे में कैद कर लिया गया जिसके बाद उनपर कार्रवाई की तलवार लटकी है.

मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल साधना कौशिक के मुताबिक अस्पताल पहुंचते ही मरीज को तत्काल चिकित्सा सहायता दी गई. उन्होंने बताया कि मरीज के सिर को ऊपर उठाने के लिए डॉक्टर कुछ तलाश रहे थे, तभी मरीज के परिचित ने कटे हुए पैर का इस्तेमाल किया. घटना की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है और अगर स्टाफ की गलती हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, एक ईएमओ और इंचार्ज नर्स के साथ एक अन्य को सस्पेंड कर दिया गया है. मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो चुकी है.

बता दें कि अस्पतालों में संवेदनहीनता का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मैक्स हॉस्पीटल में जुड़वां बच्चों को मृत करार दे दिया गया था जबकि एक के शरीर में हलचल देखी गई थी. यूपी में ही एक और संवेदनहीनता का मामला सामने आया था. यूपी में ही नवाबगंज के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने 32 मरीजों का टॉर्च की रोशनी में ऑप्रेशन कर डाला था.

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