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बुलडोजर चलाने की धमकी मत दो…SC ने लगाई अधिकारियों को फटकार

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में अपराधियों के खिलाफ हो रहे बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से प्रतिक्रिया दी है। एससी ने ऐसे ही एक मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों फटकार लगा दी। अदालत ने कहा कि अपराध के किसी मामले में संलिप्त होने के कारण किसी के […]

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  • Last Updated: September 13, 2024 07:12:27 IST

नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में अपराधियों के खिलाफ हो रहे बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से प्रतिक्रिया दी है। एससी ने ऐसे ही एक मामले की याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों फटकार लगा दी। अदालत ने कहा कि अपराध के किसी मामले में संलिप्त होने के कारण किसी के वैध मकान पर बुलडोजर चलाने का कोई आधार नहीं है। कानून शासित देश में अधिकारियों द्वारा मकानों को तोड़फोड़ करने की धमकी देने को अदालत नजरअंदाज नहीं कर सकती।

जानिए क्या है मामला

कोर्ट ने आगे कहा कि अधिकारी बुलडोजर चलाने की धमकी ना दें। अगर इस तरह की कार्रवाई होती है तो यह देश के कानून पर बुलडोजर चलाने जैसा होगा। जस्टिस ऋषिकेश रॉय, सुधांशु धूलिया और एसवीएन भट्टी की पीठ याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोपी के मकान पर नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बुलडोजर कार्रवाई नहीं करने की रोक लगाने की मांग की गई है। पीठ ने मामले में प्रतिवादियों के नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है।

परिवार के अन्य लोगों को न मिले सजा 

पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि देश में कानून का राज है। परिवार के किसी एक सदस्य की गलतियों की सजा अन्य को नहीं दी जा सकती। अगर एक सदस्य अपराध करता है तो ऐसे में इस अपराध के लिए परिवार के अन्य सदस्यों के वैध मकान को गिराने की इज़ाजत नहीं दी जा सकती है। बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई दोषी भी है तो उसके मकान पर बुलडोजर नहीं चलाया जा सकता है।