Doomsday Fish: वैज्ञानिक रूप से रेगलेकस ग्लेसने के नाम से जानी जाने वाली ओरफिश को दुनिया की सबसे लंबी बोनफिश में से एक माना जाता है। यह मछली अक्सर 200 से 1,000 मीटर की गहराई पर रहती है और 30 फीट तक लंबी हो सकती है। लेकिन हाल ही में इसे तमिलनाडु के तटीय क्षेत्र में देखा गया है। जब पिछली बार जापान में 2011 में डूम्स डे फिश देखा गया था तो प्रलयकारी सुनामी आया था। इसके बाद जब भी ये मछली दिखती है तो लोगों में कुछ बेहद बुरा होने का डर घर कर जाता है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, ओरफिश का शरीर चमकदार चांदी जैसा होता है और यह रिबन की तरह लहराता है। इसके सिर के ऊपर एक लंबी लाल पंख जैसी शिखा होती है। इसका सतह पर आना बहुत ही दुर्लभ घटना मानी जाती है। ओरफिश का इतिहास कई प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ा रहा है। इसकी उपस्थिति को अक्सर भूकंप या सुनामी के अग्रदूत के रूप में देखा गया है। जापान के फुकुशिमा में 2011 के भूकंप और सुनामी से पहले तटों पर कई ओरफिश देखी गई थीं। मेक्सिको में आए बड़े भूकंप से पहले समुद्र में ओरफिश तैरती हुई पाई गई थी।
#DOOMSDAYFISH Nature is trying to convey something to us, or just superstition
In two separate incidents this week, rare deep-sea oarfish — nicknamed “doomsday fish” — have washed up on beaches in Tamil Nadu, India, and Tasmania, stirring ancient legends and online… pic.twitter.com/o7v9JsM3OH
— Chennai Weather-Raja Ramasamy (@chennaiweather) June 6, 2025
वर्ष 2020 के दौरान फिलीपींस में दो ओरफिश देखी गई और कुछ दिनों बाद भूकंप आया। जापानी परंपरा में ओरफिश को “रयुगु नो सकाना” यानी “समुद्र के देवता का दूत” माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब यह मछली सतह पर आती है, तो यह भूकंपीय गतिविधि का संकेत देती है। विज्ञान इस विचार को निराधार मानता है कि ओरफिश प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी कर सकती है। समुद्री जीव वैज्ञानिकों के अनुसार, ओरफिश पानी के तापमान में बदलाव के कारण सतह पर आती हैं।