नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 12 जनवरी 2025 को एक बयान में यह दावा किया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री पद पर संयोगवश पहुंचे थे। उनके अनुसार, इस पद के लिए असल में सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. भीमराव अंबेडकर जैसे नेता अधिक योग्य थे। यह बयान उन्होंने हरियाणा के रोहतक स्थित महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
उन्होंने यह भी कहा, “पंडित नेहरू प्रधानमंत्री बनने के लिए संयोगवश चयनित हुए थे। यदि स्थिति कुछ और होती, तो यह जिम्मेदारी सरदार पटेल या डॉ. अंबेडकर जैसे नेताओं को मिल सकती थी। डॉ. अंबेडकर का योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण था, लेकिन वह समय की परिस्थितियों का परिणाम था, जो हुआ सो हुआ।”
मनोहर लाल खट्टर ने डॉ. अंबेडकर के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के निर्माण में उनका योगदान अनमोल है। उन्होंने कहा, “हमें हमेशा डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद रखना चाहिए। उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया और भारतीय समाज में बदलाव लाने के लिए उनका संघर्ष कबीले तारीफ था । एक उदाहरण के रूप में, डॉ. अंबेडकर के निधन के बाद दिल्ली में उन्हें अंतिम संस्कार के लिए स्थान नहीं दिया गया था, जो एक दुखद घटना थी।”
आखिरकार, उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद डॉ. अंबेडकर के सम्मान में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। “सरकार ने अंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख पवित्र स्थलों की स्थापना की है और उनके योगदान को सही तरीके से सम्मानित किया है। आज, अगर हमें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में किसी नेता को सर्वोच्च सम्मान देना हो, तो वह निश्चित रूप से डॉ. अंबेडकर को दिया जाएगा।”