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खतरे में है धरती का अस्तित्व, सूर्य में होगा विस्फोट, तबाही मचाएगा आफत का भयंकर तूफान

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने धरती के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि सूर्य में भीषण विस्फोट होने वाला है, जिससे भयंकर सौर तूफान आ सकता है। ये तूफान धरती से टकराकर तबाही मचाने वाला है। दुनिया के लिए अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक अलर्ट जारी किया है। धरती […]

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  • Last Updated: October 7, 2024 10:36:33 IST

नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने धरती के लिए एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उनका कहना है कि सूर्य में भीषण विस्फोट होने वाला है, जिससे भयंकर सौर तूफान आ सकता है। ये तूफान धरती से टकराकर तबाही मचाने वाला है। दुनिया के लिए अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने एक अलर्ट जारी किया है।

धरती का अस्तित्व खतरे में

जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिकों की चेतावनी ने देकर कहा है कि कभी भी सूर्य में बड़ा विस्फोट हो सकता है, इस विस्फोट से उठने वाला तूफान धरती से टकराएगा तो इससे धरती का चुंबकीय क्षेत्र गड़बड़ा जाएगा। इसके परिणामस्वरूप इलेक्ट्रिसिटी ब्लैकआउट और रेडियो ब्लैकआउट होने के आसार हैं। इंटरनेट सर्विस, मोबाइल, कंप्यूटर, सब ठप हो सकते हैं। धरती पर समुद्र में तूफान उठने के साथ-साथ भूकंप आने का खतरा भी मंडरा रहा है।

भारत पर क्या होगा इसका प्रभाव

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक वह सोलर एक्टिविटीज और सूर्य में होने वाली गतिविधियों पर लद्दाख में बने अपने सेंटर से नजर रखता है। ISRO से मिले ताजा अपडेट के मुताबिक सूर्य में भीषण विस्फोट होने वाला है। इसी कारण से इंडियन सैटेलाइट की निगरानी करना जरूरी हो गया है, क्योंकि सौर तूफान से इन्हें नुकसान पहुंच सकता है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने भी इस मामले को लेकर बड़ी चेतावनी दी है कि सौर तूफान भारत पर असर डाल सकता है। डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यन जो भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक हैं उनके मुताबिक ऊर्जा, कणों, चुंबकीय क्षेत्रों और पदार्थों के मिश्रण से उत्पन्न होने वाली गर्मी के कारण सूर्य में विस्फोट होता है। इस बड़े विस्फोट के बाद सौर तूफान 250 से 3000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उठता है, जो धरती के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

उत्तरी गोलार्ध में क्या होगा इसका असर

जानकारी के मुताबिक सौर तूफान के साथ ही अक्टूबर महीने की शुरुआत हुई। 2 भीषण विस्फोट सूर्य की सतह पर हुए। वैज्ञानिकों ने इन दोनों सोलर फ्लेयर्स को X7 और X9 नाम दिए। सूर्य में जो विस्फोट होगा उस स्थिति को कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहा जाता है। सूर्य में सबसे शक्तिशाली विस्फोट 7 साल बाद हुआ है। इसे X9 नाम दिया गया है। यह दोनों सबसे शक्तीशाली सौर तूफान धरती की ओर आ रहे हैं। इनकी गर्मी के प्रभाव के कारण सूर्य में एक और विस्फोट होने की संभावना है। इस विस्फोट से उठने वाला तूफान को जियोमैग्नेटिक तूफान या स्ट्रोम (G3) कहा जाएगा। धरती के चारों ओर परिक्रमा कर रहे सैटेलाइट को G3 तूफान प्रभावित कर सकता है। उत्तरी गोलार्ध में इस सौर तूफान के कारण (आसमान से रंगबिरंगा लाइट शो) भी देखने को मिल सकता है।

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