लखनऊ. आज ईडी की टीमों ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ की 6 जगहों पर छापेमारी की. ये छापेमारी स्मारक घोटाले मामले में की गई है. बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में 1400 करोड़ रुपये के स्मारक बने थे. इसी घोटाले मामले में छापेमारी की जा रही है. इस कारण मायावती पर भी शिकंजा कस सकता है. दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्मारक घोटाले में विजलेंस टीम से जांच रिपोर्ट मांगी है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई की थी.
- कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसी भी तरह धनराशि का दुरूपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. दरअसल मायावती ने 2007 से 2012 में बतौर उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में लखनऊ-नोएडा में अम्बेडकर स्मारक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतमबुद्ध उपवन, ईको पार्क, नोएडा का अम्बेडकर पार्क, रमाबाई अम्बेडकर मैदान और स्मृति उपवन जैसे कई स्मारक बनवाए. इन सभी पर सरकारी खजाने के 41 अरब 48 करोड़ रूपये खर्च हुए.
- तत्कालीन सरकार पर आरोप लगे की इन स्मारकों को बनाने में सरकारी रकम का दुरूपयोग किया गया. मामले की जांच के बाद लोकायुक्त ने बताया कि घोटाला पत्थर ढोने और उन्हें तराशने के काम में हुआ. कहा गया कि 14 अरब 10 करोड़ रूपये से ज्यादा की सरकारी रकम का दुरूपयोग किया गया.
- लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में 199 लोगों को आरोपी करार दिया. आरोपियों में मायावती सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा के साथ कई विधायकों और बड़े अधिकारियों के नाम शामिल हैं.
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