ऑपरेशन सिंदूर के बाद वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखने के लिए केंद्र सरकार सात सर्वदलीय टीमें भेजेगी. इसमें अब टीएमसी सांसद यूसुफ पठान की जगह पार्टी के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्टी से बिना पूछे पठान को टीम में शामिल करने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने ममता से बात की और मामले को सुलझाने की कोशिश की.
रिजिजू ने ममता बनर्जी से बात कर प्रतिनिधिमंडल के लिए टीएमसी प्रतिनिधि का नाम मांगा था. रिजिजू ने माना कि केंद्र सरकार को पहले टीएमसी से भी चर्चा करनी चाहिए थी. इस बातचीत के दौरान ममता बनर्जी ने अभिषेक बनर्जी के नाम की सिफारिश भी की. अब अभिषेक बनर्जी बुधवार रात जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे.
केंद्र सरकार द्वारा टीएमसी सांसद यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने की घोषणा पर काफी विवाद हुआ था. टीएमसी ने इस पर आपत्ति जताई थी कि केंद्र ने बिना उनकी सहमति के प्रतिनिधि का नाम तय कर लिया. अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि केंद्र सरकार को विपक्षी दलों से चर्चा कर प्रतिनिधियों का चयन करना चाहिए था. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि टीएमसी आतंकवाद के खिलाफ केंद्र द्वारा उठाये गये कदमों का समर्थन करती है लेकिन प्रतिनिधि चयन में पारदर्शिता भी बहुत जरूरी है.
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था. इस हमले में 26 मासूम लोगों की जान चली गई थी. इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया था. अब केंद्र सरकार सात संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को 32 देशों और यूरोपीय संघ मुख्यालय भेज रही है ताकि भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को दुनिया के सामने रखा जा सके और इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल में अब अभिषेक बनर्जी भी जाएंगे.
अभिषेक बनर्जी, जो डायमंड हार्बर से सांसद भी हैं, टीएमसी के युवा नेता हैं. वे ममता बनर्जी के भतीजे हैं और पार्टी में उनकी बहुत अहम भूमिका है. 2021 में उन्हें टीएमसी का राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया गया था. वे पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर पार्टी का पक्ष रखते रहे हैं और इस बार भी वे भारत की नीति को काफी मजबूती से रखेंगे.
टीएमसी ने स्पष्ट किया है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है. अभिषेक बनर्जी ने कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ हर कदम में केंद्र का साथ देंगे, लेकिन प्रतिनिधियों का चयन पार्टियों की सहमति से होना चाहिए.” यह दौरा न केवल भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को मजबूत करेगा, बल्कि टीएमसी की राष्ट्रीय मंच पर सक्रियता को भी दर्शाएगा.