नई दिल्लीः नागपुर में संघ ( आरएसएस ) ने आज यानी 24 अक्टूबर को विजयदशमी का आयोजन किया। इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मणिपुर में हुई जातीय हिंसा पर पूछा की क्या हिंसा में सरहद पार के उग्रवादी शामिल थे। नागपुर में आरएसएस की दसहरा रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रह रहे थे। अचानक हिंसा कैसे भड़क गई ? संघर्ष से बाहरी ताकतों को फायदा होता है। क्या बाहरी कारक शामिल है ? उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक मणिपुर मे थे।

चुनाव से पहसे हिंसा भड़काने की कोशिश

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि उन्हें संघर्ष पर गर्व है। जिन्होंने मणिपुर में शांति बहाल करने की दिशा में काम किया। भागवत ने आगे कहा कि कुछ असमादिक तत्व खुद को सासकृतिक मार्क्सवादी या जाग्रत कहते हैं लेकिन वे मार्क्स को भूल गए हैं। उन्होंने लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट प्राप्त करने की कोशिशों के प्रति आगाह किया

मोहन भागवत ने लोगों से एकता, अखंडता, पहचान और विकास को ध्यान में रखते हुए मतदान करने का आह्वान किया। उन्होंने इस दौरान जी-20 सम्मेलन का भी ज्रिक किया। उन्होंने कहा कि भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने वाले प्रतिनिधियों ने हमारे देश की विविधता में एकता का अनुभव किया। उन्होंने कहा कि समस्याओं को सुलझाने के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है।