Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • Elon Musk: अमेरिका के लिए जासूसी करने वाली सैटेलाइट बना रही मस्क की कंपनी, दुनियाभर के कोने पर रखेगी नजर

Elon Musk: अमेरिका के लिए जासूसी करने वाली सैटेलाइट बना रही मस्क की कंपनी, दुनियाभर के कोने पर रखेगी नजर

नई दिल्लीः अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के लिए जासूसी सैटेलाइट का नेटवर्क तैयार कर रही है। गोपनीय जानकारी के मुताबिक एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अमेरिका की खुफिया एजेंसी यूएस राष्ट्रीय टोही कार्यालय के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। यह प्रोजेक्ट 1.8 अरब […]

Elon Musk: अमेरिका के लिए जासूसी करने वाली सैटेलाइट बना रही मस्क की कंपनी, दुनियाभर के कोने पर रखेगी नजर
inkhbar News
  • Last Updated: March 17, 2024 12:43:39 IST

नई दिल्लीः अमेरिकी कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अमेरिका के रक्षा विभाग पेंटागन के लिए जासूसी सैटेलाइट का नेटवर्क तैयार कर रही है। गोपनीय जानकारी के मुताबिक एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अमेरिका की खुफिया एजेंसी यूएस राष्ट्रीय टोही कार्यालय के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। यह प्रोजेक्ट 1.8 अरब डॉलर का है, जिसके तहत मस्क की कंपनी कई जासूसी सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजेगी, जिनकी मदद से पूरी दुनिया के कोने-कोने पर नजर रखी जा सकेगी।

फरवरी में ही आई थीं खबरें

बता दें कि स्पेसएक्स और एनआरओ के बीच 2021 में यह करार हुआ था। अमेरिका की एनआरओ एजेंसी ही अमेरिका की कई सैटेलाइट्स का संचालन करती है। एनआरओ और स्पेसएक्स के बीच हुआ समझौता अगर सफल रहता है तो इससे अमेरिकी सेना की निगरानी करने की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी और अमेरिका आसानी से पूरी दुनिया पर खुफिया तौर पर नजर रख सकेगा। फरवरी में भी मीडिया रिपोर्ट्स में इस डील की खबरें छपी थी लेकिन उस वक्त यह पता नहीं चला था कि 1.8 अरब डॉलर की यह बड़ी डील किस कंपनी को मिली है।

स्पेसएक्स की तरफ ने नहीं दिया गया है बयान

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्पेसएक्स डील के तहत सैंकड़ों सैटेलाइट आसमान में लॉन्च करेगी। ये सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित की जाएंगी और ये सैटेलाइट दुनिया के हिस्से पर नजर रखेंगी। हालांकि यह प्रोजेक्ट कब तक पूरा होगा, इसके बारे में अभी कोई सूचना नहीं दी गई है। जानकारी दे दें कि स्पेसएक्स दुनिया की सबसे बड़ी सैटेलाइट ऑपरेटर कंपनी है। हालांकि अभी तक इस प्रोजेक्ट को लेकर न तो स्पेसएक्स और न ही एनआरओ ऑफिस की तरफ से कोई बयान जारी किया गया है।