International Women’s Day: हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्टीय महिला दिवस के मनाया जाता है। बता दे अंतर्राष्टीय महिला दिवस की शुरुआत 20वीं शताब्दी से ही हो गयी थी। सबसे पहले साल 1911 में पहली बार ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क में महिला दिवस बनाया गया था। जिसका उद्देश्य महिलाओं को एक समान अधिकार दिलाना था। इस दिन को महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के रूप में भी मनाया जाता है।
शुरू से ही पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं को नीचा दिखाया जाता था। 1917 में आज ही के दिन महिलाओं ने अपने हक की लड़ाई के लिए हड़ताल की थी। जिसके बाद इस दिन को ध्यान में रखते हुए यूनाइटेड नेशन ने 1975 में आधिकारिक रूप से इस दिन को महिलाओं के लिए मनाने की घोषणा की। तब से इस दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन से ही महिला को विशेष महत्त्व देने की शुरुआत हुई थी।
बेटियों को बेटे जैसे बनाने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। इस योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिली साथ ही महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान भी निकला। इसी योजना से आज बेटी हर कदम पर बेटो से आगे निकलकर अपने मां-बाप का नाम रोशन कर रहीं हैं। इतना ही नहीं अंतरिक्ष पर सबसे पहले जाने वाली भी महिला ही थीं।
“कभी अंतरिक्ष पर जाती तो कभी देश के लिए लड़ती
एक नारी ही ऐसी होती जो अपने रूप में आ जाए तो कुछ भी कर सकती है”