नई दिल्लीः एममएसपी पर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली कूच पर निकले किसानों ने हरियाणा सीमा से सटे पंजाब के शंभू बार्डर पर डटे हुए हैं। किसान नेताओं ने बुधवार यानी 14 फरवरी को कहा कि केंद्र सरकार से बातचीत तक वे आगे नहीं बढ़ेंगे। वहीं आज यानी 15 फरवरी को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चंडीगढ़ में तीसरी दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी।
तीसरे दौर की बातचीत आज
किसानों और सरकार के बीच तीसरे दौर की बैठक शाम को शुरू होगी जिसमें केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल होंगे जबकि किसानों की ओर से जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवण सिंह पंधेर, रमनदीप मान आदि किसान नेता शामिल होंगे।
एमएसपी के समिति के बिनोद आनंद ने रखा अपना पक्ष
एमएसपी समिति के सदस्य बिनोद आनंद ने कहा कि अगर एमएसपी पर कानूनी बना देना आर्थिक प्रगति और किसानों के कल्याण का एकमात्र तरीका है, तो हम ऐसा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, लेकिन एमएसपी पर कानून की गारंटी कब थी ? प्रधानमंत्री ने कभी ऐसा नहीं कहा कि ये गुंडे किसान और कुछ राजनीति से प्रेरित लोग हैं। बिनोद आनंद ने कहा कि एक विशेष राज्य के लोग अपने राजनीतिक विरोध के लिए किसानों का इस तरह प्रयोग कर रहे हैं। एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी पर कभी कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी कृषि नीतियां बनानी होंगी जो 2075 तक वैध हों ताकि वित्तीय असमानताएं कम हों।
किसानों का अलग प्लान तैयार
किसानों के प्रदर्शन पर किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि आज तीन फैसले लिए गए, पहला ये कि हम कल 3 घंटे के लिए हरियाणा को टोल फ्री रखेंगे, दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक। वहीं परसों ट्रैक्टर रैली होगी हर तहसील में परेड होंगे। इसके अलावा 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से सभी किसान और मजदूर संगठनों की संयुक्त बैठक होगी। उसी मीटिंग में आगे के फैसले लिए जाएंगे।
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