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पहले बूंद-बूंद के लिए तरसाया और अब ला दी बाढ़, भारत के एक्शन से पाकिस्तान परेशान

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. इसके जवाब में भारत ने न केवल कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाए बल्कि नदियों का पानी रोककर और छोड़कर ऐसे कदम उठाये कि पाकिस्तान सूखे और बाढ़ के दोहरे संकट में फंस गया है.

Baglihar Dam
inkhbar News
  • Last Updated: May 6, 2025 18:11:21 IST

Baglihar Dam: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले जिसमें 26 लोगों की जान गई. जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. इसके जवाब में भारत ने न केवल कूटनीतिक और सैन्य कदम उठाए बल्कि चिनाब नदी के पानी को नियंत्रित कर पाकिस्तान को सूखे और बाढ़ के दोहरे संकट में डाल दिया है. भारत की इस रणनीति ने पाकिस्तान को पूरी तरह भ्रमित कर दिया है.

पानी रोककर और छोड़कर डबल अटैक

भारत ने पहले चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांधों के गेट बंद कर पानी का प्रवाह 90% तक कम कर दिया. जिससे पाकिस्तान में सूखे जैसे हालात बन गए. पाकिस्तान की 80% कृषि और 24 करोड़ आबादी सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है जिसमें चिनाब महत्वपूर्ण है. इसके बाद भारत ने अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ा जिससे लाहौर, सियालकोट और पंजाब प्रांत में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा. स्थानीय प्रशासन ने चिनाब के किनारे बसे इलाकों को खाली करने का आदेश दिया है. यह रणनीति पाकिस्तान को समझने का मौका ही नहीं दे रही कि भारत की अगली चाल क्या होगी.

पाकिस्तान की खरीफ फसल पर संकट

पाकिस्तान की सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (IRSA) ने खरीफ फसल के लिए गंभीर जल संकट की चेतावनी दी है. शुरुआती खरीफ सीजन में 21% और अंत में 7% पानी की कमी का अनुमान है. चिनाब के अनियमित प्रवाह से सियालकोट के मरला बांध पर पानी का बहाव सामान्य से कम हो गया है, जिससे कृषि और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ रहा है. यदि यह स्थिति बनी रही तो पाकिस्तान में खाद्य संकट और महंगाई बढ़ सकती है.

भारत का मास्टरस्ट्रोक

भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर पाकिस्तान पर ‘वॉटर स्ट्राइक’ की है. इस संधि के तहत चिनाब, झेलम और सिंधु नदियों का पानी पाकिस्तान को आवंटित था लेकिन भारत ने अब इन नदियों पर पूर्ण नियंत्रण की रणनीति अपनाई है. पाकिस्तान ने शिमला समझौते को रद्द करने और विश्व बैंक में शिकायत की धमकी दी लेकिन अंतरराष्ट्रीय समर्थन की कमी और आतंकवाद के आरोपों ने उसकी स्थिति कमजोर कर दी है.

पाकिस्तान बौखलाया

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत के इस कदम को ‘युद्ध की कार्रवाई’ करार दिया और परमाणु हमले तक की धमकी दी लेकिन भारत ने इन धमकियों को नजरअंदाज कर अपनी रणनीति पर ध्यान केंद्रित रखा है. भारत ने पहले पानी रोककर पाकिस्तान को सूखे की चिंता में डाला और फिर अचानक पानी छोड़कर बाढ़ का खतरा पैदा कर दिया. यह दोहरी रणनीति पाकिस्तान को कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर चारों खाने चित कर रही है.

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