मुंबई. अगर आप घरेलू यात्री हैं और फ्लाइट 6 घंटे या उससे ज्यादा लेट है तो एयरलाइंस को आपको एक दिन पहले इस बारे में बताना होगा या दूसरी फ्लाइट में व्यवस्था करनी होगी. इतना ही नहीं पूरा मुआवजा भी देना होगा. अगर कंपनी ने आपकी फ्लाइट कैंसल कर दी और आपको नहीं बताने के अलावा आपकी कनेक्टिंग फ्लाइट इसलिए मिस हो गई क्योंकि पहली फ्लाइट टाइम पर नहीं थी तो आपको 5 से 10 हजार रुपये का मुआवजा मिलेगा. यह आपके यात्रा समय या वन वे बेस फेयर फ्यूल चार्ज, जो भी कम होगा, पर निर्भर करेगा.

बुधवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस से बातचीत के बाद कई प्रावधानों वाला यात्री अधिकार चार्टर जारी किया है. अगर आप एयरपोर्ट पर हैं और फ्लाइट 2-6 घंटे लेट है तो एयरलाइन को आपको फ्री खाना और रिफ्रेशमेंट देनी होगी. चार्टर के मुताबिक, अगर रात 8 बजे से सुबह 3 बजे के बीच शेड्यूल फ्लाइट लेट होती है तो एयरलाइन को यात्री को एक दिन पहले इन्फॉर्म करना होगा. साथ ही यात्री के होटल में रहने का खर्च भी एयरलाइन ही उठाएगी.

फ्लाइट में ओवरबुकिंग होने के कारण अगर यात्री को विमान में चढ़ने नहीं दिया जाता और उसे किसी अन्य फ्लाइट की पेशकश भी नहीं की जाती तो वह 20 हजार रुपये का मुआवजा क्लेम कर सकता है. बैग गुम होने और कार्गो के नुकसान पर यात्री को 20 हजार रुपये तक का मुआवजा मिल सकता है. अगर एयरलाइन ने आपको फ्लाइट कैंसल होने के बारे में दो हफ्ते से कम और 24 घंटों से ज्यादा समय बाद जानकारी दी है तो उसे आपके लिए दूसरी फ्लाइट की व्यवस्था करनी होगी या पूरा रिफंड दिया जाएगा.

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