Manipur sikkim flooding heavy rains: पूर्वोत्तर भारत में समय से पहले पहुंचे मानसून ने व्यापक तबाही मचा दी है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्यों में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं. सड़कें और गांव जलमग्न हो गए हैं और अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है। इस आपदा से निपटने के लिए सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस के अनुसार, पूर्वी कामेंग जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-13 के बाना-सेप्पा खंड पर शुक्रवार देर रात हुए भूस्खलन में एक वाहन सड़क से बह गया. जिसमें दो परिवारों के सात सदस्यों की मौत हो गई। राज्य के अन्य हिस्सों में भी भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने नौ लोगों की जान ले ली। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और सड़कों पर मलबा जमा होने से यातायात ठप हो गया है।
असम में लगातार बारिश ने हालात को और गंभीर कर दिया है। पिछले 24 घंटों में भूस्खलन और बाढ़ के कारण आठ लोगों की मौत हो गई। ब्रह्मपुत्र नदी समेत कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे छह जिले जलमग्न हो गए हैं और 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। जीरो में पाइन ग्रोव के पास कैबेज गार्डन क्षेत्र और एक नजदीकी रेस्तरां में भूस्खलन से दो लोगों की मौत हो गई जो असम के लखीमपुर के रहने वाले थे। सेना ने “जल राहत-2” अभियान शुरू कर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेज कर दिया है।
मिजोरम में शनिवार तड़के भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने म्यांमा सीमा के पास चम्फाई जिले के वाफाई गांव में तबाही मचाई। एक मकान ढहने से म्यांमा के तीन शरणार्थियों समेत चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति घायल हुआ। सिक्किम में भी भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को प्रभावित किया है जबकि त्रिपुरा में अगरतला सहित कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात हैं। अधिकारियों के मुताबिक, 1,100 गांवों में से 49 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं और चुमौकेदिमा जिले में नेशनल हाईवे-29 पर चट्टानें गिरने से यातायात बाधित हुआ है।
इस संकट की घड़ी में सेना, एनडीआरएफ, असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस-प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। असम में सेना ने “जल राहत-2” अभियान के तहत सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। मिजोरम और त्रिपुरा में भी असम राइफल्स और अन्य बलों ने बचाव कार्य तेज कर दिया है। प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और अन्य जरूरी सामग्री मुहैया कराई जा रही है। मौसम विभाग ने असम के कुछ हिस्सों के लिए लाल और नारंगी अलर्ट जबकि शेष पूर्वोत्तर के लिए नारंगी और पीला अलर्ट जारी किया है जिससे आने वाले दिनों में सतर्कता बरतने की जरूरत है।
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून की रेखा का सामान्य से अधिक उत्तर की ओर होना इस असाधारण बारिश का कारण है। ब्रह्मपुत्र, तीस्ता और अन्य नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के मौसम में रात में यात्रा से बचना चाहिए क्योंकि भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बना हुआ है।