नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को स्पष्ट रूप से कहा कि भारत अपने निर्णयों पर किसी अन्य देश को ‘वीटो’ लगाने की अनुमति नहीं देगा और राष्ट्रीय हित व वैश्विक भलाई के लिए हर सही कदम उठाएगा। मुंबई में आयोजित 27वें ‘एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड’ समारोह में जयशंकर ने वीडियो मैसेज के माध्यम से यह बात कही। उन्होंने कहा, “, भारत वही करेगा जो उसके राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए सही होगा।”
भारतीयता पर गर्व आवश्यक
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी भारतीयता को बरकरार रखते हुए प्रगति करनी होगी। उन्होंने कहा, “वैश्वीकरण के दौर में प्रौद्योगिकी और परंपरा का संतुलन बनाए रखना होगा। अगर हम अपनी विरासत पर गर्व करेंगे, तो ही दुनिया उससे सीख सकेगी।” आगे उन्होंने कहा कि भारत से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत और इसकी सीखें खासकर तनावपूर्ण जीवनशैली और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के समय आज की दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत आज एक ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, जहां उसके पास अपनी क्षमताओं और आत्मविश्वास को प्रदर्शित करने का अवसर है। उन्होंने पिछले दशक को भारत के व्यापक विकास और प्रतिबद्धता का प्रमाण बताते हुए कहा, “भारत बहुध्रुवीय विश्व में अग्रणी शक्ति के रूप में उभरने के लिए तैयार है।” बता दें इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर को दिवंगत श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती के नाम पर दिए जाने वाले प्रतिष्ठित ‘एसआईईएस श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। हालांकि, वह समारोह में शामिल नहीं हो सके, लेकिन अपने वीडियो मैसेज के जरिए उन्होंने अपनी बात रखी।
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