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Freebies: सुप्रीम कोर्ट में आज चुनावों में मुफ्त वाली योजनाओं पर होगी सुनवाई

  नई दिल्ली। चुनावों में मुफ्त की योजनाओं पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से सुनवाई होगी। पिछली बार की सुनवाई में भारत सरकार ने अदालत में अपनी दलील पेश की थी और सर्वोच्च अदालत ने मामले को लेकर विशेषज्ञों की समिति बनाने की बात कही थी. अदालत […]

चुनावों में मुफ्त की योजनाओं
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  • Last Updated: August 17, 2022 08:17:42 IST

 

नई दिल्ली। चुनावों में मुफ्त की योजनाओं पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज फिर से सुनवाई होगी। पिछली बार की सुनवाई में भारत सरकार ने अदालत में अपनी दलील पेश की थी और सर्वोच्च अदालत ने मामले को लेकर विशेषज्ञों की समिति बनाने की बात कही थी. अदालत ने कहा था कि समिति में वित्त आयोग (Finance Commission),रिजर्व बैंक (RBI), नीति आयोग (NITI Aayog), लॉ कमीशन (Law Commission), राजनीतिक पार्टियों (Political Parties) समेत दूसरे पक्षों के प्रतिनिधि भी होने चाहिए.

वहीं, इससे पहले भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने समिति को लेकर अदालत में सुझाव दिया था. सॉलिसिटर जनरल तुषार ने कहा था कि वह एक समिति का प्रस्ताव कर रहे हैं, जिसमें सचिव, केंद्र सरकार, प्रत्येक राज्य सरकार के सचिव, सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, आरबीआई, नीति आयोग के प्रतिनिधि, वित्त आयोग और राष्ट्रीय करदाता संघ आदि शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कही थी ये बात

बता दें कि फ्री स्कीम के मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पीठ कर रही है. भारत सरकार, याचिकाकर्ता और वकील कपिल सिब्बल से कोर्ट ने मामले को लेकर सुझाव मांगा था। अदालत ने विचार करने के लिए सात दिन का वक्त दिया था. सुप्रीम कोर्ट पहले ही बोल चुका है कि चुनाव में मुफ्त की योजनाओं से सरकारी खजाने को हानि पहुंचती है. अदालत ने भारत सरकार और चुनाव आयोग से ऐसी योजनाओं पर विचार करने के लिए कहा था.

आम आदमी पार्टी याचिका के खिलाफ

गौरतलब है कि मामले में पहले भी 11 अगस्त और तीन अगस्त को अदालतल में सुनवाई हुई थी. दायर याचिका में मांग की गई है कि मुफ्त की योजनाओं की घोषणा करने वाली राजनीतिक दल की मान्यता रद्द होनी चाहिए. वहीं, याचिका के विरोध में आम आदमी पार्टी अदालत पहुंच गई है. पीएम मोदी ने ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर विपक्षी दलों पर तंज कसा था. इसके जवाब में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि करदाताओं के साथ तब धोखा होता जब चंद साथियों के बैंक कर्ज माफ कर दिए जाते हैं. उन्होंने मुफ्त योजनाओं को लेकर जनमत संग्रह कराने का चैलेंज भी दिया था.

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