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गुजरात: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, दो बड़े नेता हुए आप में शामिल

गुजरात: अहमदाबाद।  गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. गुरूवार को कांग्रेस के दो बड़े नेता वाशरंभाई सगथिया और इंद्रनील राजगुरु दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आप में शामिल हो गए। केजरीवाल ने किया प्रभावित आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद राजगुरू […]

आम आदमी पार्टी
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  • Last Updated: April 14, 2022 16:06:40 IST

गुजरात:

अहमदाबाद।  गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. गुरूवार को कांग्रेस के दो बड़े नेता वाशरंभाई सगथिया और इंद्रनील राजगुरु दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आप में शामिल हो गए।

केजरीवाल ने किया प्रभावित

आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद राजगुरू ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि वो अरविंद केजरीवाल के कार्यों ने उन्हे हमेशा प्रभावित किया है. राजगुरू ने आगे कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी अपनी पार्टी के लिए नहीं लड़ते बल्कि लोगों के लिए लड़ते है।

कांग्रेस में बीजेपी से लड़ने की इच्छाशक्ति नहीं

इंद्रनील राजगुरु ने आप में शामिल होने के बाद कहा कि मैं शुरू से ही कांग्रेस पार्टी में था. कांग्रेस के पास अब बीजेपी को हराने के लिए जरूरी इच्छा शक्ति की कमी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी का विकल्प बनने की क्षमता कांग्रेस खो चुकी है।

आप को पास बीजेपी सरकार उखाड़ फेंकने की शक्ति

राजगुरू ने गुजरात विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि आज आम आदमी पार्टी लोगों के सामने सबसे अच्छे विकल्प के रूप में आई है. उन्होंने कहा कि गुजरात में केवल आप के पास ही कांग्रेस को उखाड़ फेंकने की ताकत है. बता दे कि राजगुरू के साथ आप में शामिल हुए वशराम सगथिया राजकोट नगर निगम में बतौर नेता विपक्ष कार्य कर चुके है।

मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ा था चुनाव

गौरतलब है कि इंद्रनील राजगुरु का नाम गुजरात कांग्रेस के बड़े नेता में शुमार किया जाता रहा है. उन्होंने 2012 विधानसभा चुनाव में राजकोट पूर्व की सीट से जीत हासिल की थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने राजकोट पूर्व की सीट छोड़ दी थी. लेकिन वो मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव हार गए. 2018 में राजगुरू ने कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व के कामकाज से असंतुष्टि जताते हुए इस्तीफा दे दिया था. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वो फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

 

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