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Gujarat: गुजरात सरकार को हाईकोर्ट में क्यों कहना पड़ा…’महात्मा गांधी सभी के हैं’

Gujarat: गांधीनगर। गुजरात सरकार ने बुधवार को हाई कोर्ट में कहा कि महात्मा गांधी सभी के हैं। राज्य सरकार ने साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना को चुनौती देने वाले महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की स्थिति पर उच्च न्यायालय में सवाल उठाया। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने तुषार गांधी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) के […]

Mahatma Gandhi
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  • Last Updated: August 4, 2022 13:48:54 IST

Gujarat:

गांधीनगर। गुजरात सरकार ने बुधवार को हाई कोर्ट में कहा कि महात्मा गांधी सभी के हैं। राज्य सरकार ने साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना को चुनौती देने वाले महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की स्थिति पर उच्च न्यायालय में सवाल उठाया। महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने तुषार गांधी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (PIL) के जवाब में गुजरात हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ को बताया कि महात्मा गांधी 140 करोड़ लोगों के राष्ट्रपिता हैं। अब इस मामले की बृहस्पतिवार को बार फिर से सुनवाई होगी।

तुषार गांधी ने दी थी चुनौती

बता दें कि महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने प्रस्तावित साबरमती आश्रम पुनर्विकास परियोजना-गांधी आश्रम स्मारक और परिसर विकास परियोजना को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने ‘राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि’ (एनजीएसएन) के तत्वावधान में पुनर्विकास कार्य की अनुमति देने का गुजरात उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है।

महात्मा गांधी जी पूरे देश के हैं

महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने हाईकोर्ट में कहा कि हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बात कर रहे हैं। वो इस देश के 140 करोड़ लोगों के ‘राष्ट्रपिता’ हैं। मैं उस याचिकाकर्ता के प्रति भी सम्मान रखता हूं जो कहते है कि वो (महात्मा गांधी के) प्रपौत्र हैं। हां, लेकिन महात्मा गांधी जी सभी के हैं। उनका (याचिकाकर्ता) कोई विशेष अधिकार नहीं है।

समीक्षा का आधार क्या होना चाहिए?

महाधिवक्ता ने कहा कि न्यायिक समीक्षा का आधार क्या होना चाहिए, जहां केंद्र सरकार ने इस विशेष परियोजना के लिए 1,246 करोड़ रुपये देने का नीतिगत निर्णय लिया है? क्या इस विशेष निर्णय को चुनौती दी जानी चाहिए। महाधिवक्ता ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता चाहते है कि विकास ट्रस्टोंराष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि और हरिजन सेवक संघ के तत्वावधान में किया जाए, जो हितधारक नहीं हैं। प्रतिवादियों- साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक ट्रस्ट (SAPMT) और खादी ग्रामोद्योग प्रयोग समिति ने भी जनहित याचिका (PIL) का विरोध किया है।

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