गुरुग्रामः दिल्ली से सटे गु़ड़गांव के जाने-माने अस्पताल फोर्टिस अस्पताल में एक बच्ची की डेंगू के इलाज का बिल 18 लाख रुपये आया. इतनी ज्यादा राशि के बिल के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका. बिल में डॉक्टरों द्वारा बच्ची के इलाज में प्रयोग 2700 दस्ताने और 660 सीरिंज भी शामिल थे. एक ट्विटर यूजर ने बच्ची के इलाज में अस्पताल द्वारा दिया गए बिल की कॉपी ट्विटर पर शेयर की जिसका संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सभी जरूरी डीटेल्स और रिपोर्ट मांगी है.
बता दें सात वर्षीय आद्या को डेंगू के चलते 31 अगस्त को गुड़गांव के फोर्टिस में भर्ती कराया था. जिसकी अस्पताल में 14 सितंबर को मृत्यु हो गई थी. मृत आद्या के माता पिता ने बताया कि अस्पताल के डाक्टरों ने आद्या को इलाज पर प्रतिक्रिया देना बंद करने के बाद भी वेंटिलेटर पर रखा. स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अस्पताल की इस हरकत पर एक्शन लेने का वादा किया है.
आद्या के पिता जयंत सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि मैं जांच की अपील करता हूं, और यदि कानून में बदलाव की जरूरत हो तो वो भी होना चाहिए. हम नहीं चाहते कि हमारी तरह दूसरे माता-पिता भी इस तरीके की समस्या का सामना करना पड़े. जयंत सिंह के पारिवारिक मित्र द्वारा ट्वीट किए गए अस्पताल का बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
Please provide me details on [email protected] .We will take all the necessary action. https://t.co/dq273L66cK
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 20, 2017
फोर्टिस अस्पाल ने अपने बयान में कहा है कि इलाज के दौरान सभी मेडिकल प्रोटोकॉल्स व गाइलाइन्स का पालन किया गया है. उन्होंने बताया कि 14 सितंबर को अस्पताल के विरुद्ध आद्या के माता-पिता उसको घर अस्पताल से घर ले गए.
इस ट्वीट पर देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोगों की प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी. स्वास्थ्य मंत्री ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरी रिपोर्ट मंगाई है. साथ ही उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है. दूसरी तरफ अस्पताल के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी सारी जानकारी देने के लिए कहा गया.
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