नई दिल्ली। न्यूज़ चैनलों और अखबारों में केवल ज्ञानवापी मस्जिद मामले की खबरें ही दिखाई दे रही हैं। सोशल मीडिया पर भी केवल ज्ञानवापी की ही खबरें हमें अधिकतम देखने को मिल रही है। यानि की ज्ञानवापी मामला टॉप पर बना हुआ है। सोशल मीडिया पर ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर किसी भी तरह का भड़काऊ ट्वीट या पोस्कट करना आपको भारी पड़ सकता है। क्योंकि आपके पोस्ट पर नजर रखी जा रही है। एक गलती और उसके बाद सीधा जेल की हवा आपको खानी पड़ सकती है।
विवादित टिप्पणी करने के मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पहला मामला एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी की गिरफ्तारी से जुड़ा है और दुसरा दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल गिरफ्तारी से जुड़ा है।
इस मामले में पहले एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी की गिरफ्तारी हुई है।एआईएमआईएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी ने सोशल मीडिया पर ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े एक विवादित पोस्ट औऱ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दानिश कुरैशी पर अशोभनीय धार्मिक टिप्पणी के आरोप पर की कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है।
दुसरा मामला दिल्ली से जुड़ा है जहां, दिल्ली पुलिस ने बीती रात दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर किया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल ने एफआईआर दर्ज कराई गई थी। रतन लाल ने ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग को लेकर विवादित टिप्पणी और पोस्ट किया था।
इस टिप्पणी और पोस्ट से हिंदू पक्ष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला बताकर उनके खिलाफ एक वकील ने दिल्ली के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल में एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके बाद रतन लाल पर दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए, प्रोफेसर को शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। प्रोफेसर रतन लाल हिंदू कॉलेज में इतिहास विभाग के प्रोफेसर है
बता दें कि कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मस्जिद में वीडियोग्राफी के जरिए 3 दिन की जांच की गई. जिसके बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया कि मस्जिद में शिवलिंग जैसी कोई संरचना प्राप्त हुई है। वही मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है। उसके बाद से ही उस जगह को सील कर दिया गया है। तभी से ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर तनाव एकदम बरकरार है।