झूंसी/प्रयागराज/लखनऊ। प्रयागराज के महाकुंभ मेले में 29 जनवरी की देर रात मची भगदड़ का मामला अभी भी सुर्खियों में है। इस पर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा हो रहा है. भगदड़ में मारे गए लोगों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। एक ओर जहां योगी सरकार मृतकों की संख्या 30 बता रही है, वहीं विपक्ष आरोप लगा रहा है कि हकीकत में मौतों की संख्या बहुत ज्यादा है. सरकार संख्या कम बताकर मामले की गंभरीता को कम कर रही है. सत्ता पक्ष के लोगों का दावा है कि महाकुंभ की भगदड़ के पीछे कोई साजिश हो सकती है, जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि जिस दिन य़ह घटना संगम नोज पर घटी उसी दिन दो और जगहों पर भी भगदड़ हुई थी जिसमें झूसी की भगदड़ और एक लड़की सुर्खियों में है. हकीकत जानने के लिए इनखबर की टीम महाकुंभ में झूसी भगदड़ वाली जगह हल्दीराम के आउटलेट पर पहुंची और उसके संचालक से बातचीत की। इनखबर के सीनियर रिपोर्टर राघवेंद्र मिश्रा ने ग्राउंड जीरो से महाकुंभ भगदड़ को लेकर जो खुलासे किये हैं वो काफी चौंकाने वाले हैं।
इनखबर ने झूंसी के हल्दीराम स्टोर के असली मालिक से बात की। इस दौरान रिपोर्टर ने पूछा कि ‘वायरल लड़की’ ने जो दावे किए हैं वो कितने सच हैं? इस पर स्टोर के मालिक ने कहा कि वो कॉलेज में पढ़ने वाली लड़की थी। 300-400 रुपये में हमारे यहां पार्ट टाइम काम करने आई थी। उसने पता नहीं किस दबाव में क्या-क्या बोल दिया।
हल्दीराम स्टोर के मालिक ने बताया कि अगर भगदड़ वाली रात पुलिस-प्रशासन मुस्तैद ना रहता तो फिर 50 गुना ज्यादा नुकसान होता। प्रशासन ने 110 फीसदी सहयोग किया है। हमारी दुकान में किसी प्रकार की कोई तोड़फोड़ नहीं हुई है। कुछ लोग बेहोश होने के बाद यहां पर जरूर लेटे थे, लेकिन दुकान में 6 लाशें होने का दावा सही नहीं है।
बता दें कि सोशल मीडिया पर झूंसी के हल्दीराम स्टोर पर काम करने वाली एक लड़की खूब वायरल हो रही है। लड़की ने कई न्यूज चैनलों से बातचीत में पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लड़की ने कहा है कि भगदड़ के दौरान पुलिस वाले गायब थे। उसकी दुकान के अंदर ही 6 लाशें थीं। लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे थे और कोई पूछने वाला नहीं था जबकि दुकान के संचालक का कहना है कि हकीकत एक दम अलग है.