नई दिल्ली. देश के लिये 15 अगस्त का दिन बेहद खास है. यही वो दिन है जब 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश हुकूमत से छुटकारा मिला. इसलिए हर साल 15 अगस्त को स्वंतत्रता दिवस मनाया जाता है. देशभर के स्कूल, कॉलेजों और अन्य स्थानों पर ध्वजारोहण किया जाता है. भारत इस बार 15 अगस्त को आजादी के 73 साल पूरे कर रहा है. इसलिए हर कोई अपने ही अंदाज में स्वतंत्रता के जश्न में डूबा है. आजादी से पहले और आजादी के बाद ऐसे तमाम लोग आए तो कलम के जरिए अपने दिलों के जज्बात उकेरते रहे. हम आपके लिए 73वें स्वतंत्रता दिवस पर कुछ शायरी लेकर आए हैं जिन्हें पढ़कर आपका 73वां इंडिपेंडेंस डे और खास हो बन जाएगा. ये शायरी अलग अलग शायरों ने लिखी हैं. इश शेयर को पढ़ने के बाद आप भी देशभक्ति से सरोबोर महसूस करने लगेंगे. लीजिए आपके सामने पेश हैं कुछ देशभक्ति से लबरेज शायरी
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाजू-ए-कातिल में है
-बिस्मिल अजीमाबादी
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
-अल्लामा इकबाल
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वाफा आएगी
-लाल चन्द फलक
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आजादी
-फिराक गोरखपुरी
हम अम्न चाहते हैं मगर जुल्म के खिलाफ
गर जंग लाजमी है तो फिर जंग ही सही
-साहिर लुधियानवी
वतन की खाक जरा एड़ियाँ रगड़ने दे
मुझे यकीन न है पानी यहीं से निकलेगा
-अज्ञात
वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाकी है
मजा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में
-चकबस्त ब्रिज नारायण
दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
-जाफ़र मलीहाबादी
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अंधेरे हार गए जिंदाबाद हिन्दोस्तान
-जावेद अख्तर
(शायरी साभार- रेख्ता)