Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • HC On Delhi Police Lawyers Tis Hazari Court Violence Case: पुलिस और वकील के बीच विवाद पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई, न्यायिक जांच पूरी होने तक गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी को गिरफ्तारी से राहत, सभी पक्षों से रिपोर्ट तलब

HC On Delhi Police Lawyers Tis Hazari Court Violence Case: पुलिस और वकील के बीच विवाद पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई, न्यायिक जांच पूरी होने तक गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी को गिरफ्तारी से राहत, सभी पक्षों से रिपोर्ट तलब

HC On Delhi Police Lawyers Tis Hazari Court Violence Case: वकील vs पुलिस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच के सामने सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में न्यायिक जांच पूरी होने तक गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी को गिरफ्तारी से राहत दी है. साथ ही सभी पक्षों से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है. मालूम हो कि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से प्रोटेक्शन की मांग करते हुए कहा था कि जब तक अदालत द्वारा कराई जा रही न्यायिक जांच पूरी न हो तब तक गोली चलाने वाले पुलिस को गिरफ्तार न किया जाए. दिल्ली के सभी जिला अदालतों के वकील 4 नवंबर से हड़ताल पर हैं. वकील गोली चलाने वाले पुलिसवालों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वकीलों का कहना है कि पुलिसवालों की गिरफ्तारी न होने तक उनकी हड़ताल खत्म नहीं होगी.

Delhi HC
inkhbar News
  • Last Updated: November 15, 2019 13:43:00 IST

HC On Delhi Police Lawyers Tis Hazari Court Violence Case: वकील vs पुलिस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच के सामने सुनवाई हुई. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से कहा कि हम यहां कोर्ट से प्रोटेक्शन मांग रहे है कि जब तक कोर्ट द्वारा कराई जा रही न्यायिक जांच पूरी न हो जाये तब तक गोली चलाने वाले पुलिस को गिरफ्तार न किया जाए. पुलिस और वकील एक ही सिक्के के दो पहलू है. लिहाजा, जब कोर्ट ने आदेश दिया की न्यायिक जांच हो तब से वकील हड़ताल पर हैं. वकीलों की मांग है कि गोली चलाने वाले जवान को गिरफ्तार किया जाए. अब न्यायिक जांच शुरू होने में कुछ ही हफ्ते में बचे हैं. हड़ताल किसी के इंटरेस्ट में नही है.

दिल्ली हाई कोर्ट बार के तरफ से कोर्ट में कहा गया कि पुलिस के तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि पिछले आदेश में कोर्ट ने वकीलों को प्रोटेक्शन दिया था. आदेश में हाई कोर्ट ने ये भी कहा था कि पुलिस की जांच और न्यायिक जांच अलग अलग है. इसको अपनी याचिका में नहीं कहा है. पुलिस तो अपनी जांच में कुछ कर ही नही रही. पुलिस अपने बेनिफिट में हर चीज कर रही है. एफआईआर अभी तक ऑनलाइन नही है. 2 एफआईआर वकीलों के खिलाफ की गई है। पुलिस के खिलाफ तो एफआईआर भी नहीं की गई है.यह एक प्रॉक्सी पिटीशन है.

दिल्ली हाई कोर्ट दिल्ली पुलिस और दिल्ली हाईकोर्ट बार की दलीलों को सुनने के बाद गोली चलाने वाले पुलिस के जवानों को फिलहाल प्रोटेक्शन दे दिया है और इस मामले में सभी पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है. देश की राजधानी दिल्ली में तीस हजारी कोर्ट में एक मामली बात को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच भिड़ंत हो गई थी. बाद में वकीलों ने आगजनी की और पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी. बस इसी वजह से यह विवाद बढ़ता हुआ एक कोर्ट से दूसरी कोर्ट में पहुंच गया और एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंच गया.

बता दें कि दिल्ली की सभी जिला अदालतों के वकील 4 नवंबर से हड़ताल पर हैं. वकीलों ने कहा कि उनकी हड़ताल पुलिसवालों की गिरफ्तारी के बिना खत्म नहीं होगी. हालांकि इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने साफ कर दिया है कि वकीलों को अपनी हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटना चाहिए. क्योंकि हाईकोर्ट पहले ही इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे चुका है. जिसकी रिपोर्ट 6 हफ्ते में आ जाएगी.

CJI Ranjan Gogoi Supreme Court Last Day: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी दिन, शाम साढ़े 4 बजे कोर्ट परिसर में होगा विदाई समारोह, जजों को देंगे सलाह

NSO Consumer Spending Report: एनएसओ की रिपोर्ट से बड़ा खुलासा, बीते 40 वर्षों के दौरान सबसे ज्यादा उपभोक्ता खर्च में अब आई है गिरावट

Tags