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कहीं लू के थपेड़े तो कहीं बारिश से हो रही मौतें, जानें मौसम का हाल

नई दिल्ली, उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी अपना कहर बरपा रही है. राजधानी दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में भयंकर लू चल रही है. दूसरी तरफ देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. इस समय देश के नॉर्थईस्ट में हो रही भारी […]

floods in Northeast
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  • Last Updated: May 17, 2022 18:20:26 IST

नई दिल्ली, उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी अपना कहर बरपा रही है. राजधानी दिल्ली सहित उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में भयंकर लू चल रही है. दूसरी तरफ देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. इस समय देश के नॉर्थईस्ट में हो रही भारी बारिश की वजह से कम से कम आठ लोगों की जान चली गई है.

राहत और बचाव का कार्य जारी

अधिकारियों के मुताबिक असम के डीमा हसाओ जिले में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से कई रेलवे स्टेशन बंद कर दिए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ के कारण विपरीत हालात में सुदूर इलाकों में रहने वाले करीब दो लाख लोगों का संपर्क बाकी राज्य से कट गया. वहीं, पानी के तेज बहाव की वजह से पुल और सड़कें या तो टूट गई हैं या बह गई हैं.

सेना हेलिकॉप्टर के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाल रही है. बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में भी भारी बारिश और कटाव की वजह से कम से कम चार लोगों ने अपनी जान गंवाई है. वहीं, राज्य की राजधानी ईटानगर में एक घर ढहने की वजह से दो की मौत हो गई. इसके अलावा भूस्खलन की वजह से दो मजदूरों की भी मौत हो गई.

222 गांव आए बाढ़ की चपेट में

जानकारी के मुताबिक, बाढ़ की वजह से असम के 222 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस प्राकृतिक आपदा से अब तक राज्य में एक बच्चे सहित तीन लोग अपनी जान भी गँवा चुके हैं. वहीं, बाढ़ की वजह से 202 मकान पुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं. वहीं, लगातार बारिश के कारण बीते शनिवार को दीमा हसाओ जिले के 12 गांवों में भूस्खलन भी हो गया था.

फिलहाल, राज्य सरकार ने हालात से निपटने के लिए सेना, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ और अग्निशमन कर्मियों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए भेज दिया है. वहीं, राज्य के होजई, लखीमपुर और नागांव जिलों में कई सड़कें, पुल और सिंचाई नहरें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. सड़कों के क्षतिग्रस्त होने के चलते राहत दलों को बाढ़ में फंसे लोगों तक पहुंचने में देरी भी हो रही है.

 

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