Baba Ramdev: योग गुरु बाबा रामदेव को दिल्ली हाईकोर्ट ने हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ उनकी विवादास्पद शरबत जिहाद टिप्पणी पर कड़ी फटकार लगाई. शुक्रवार को रामदेव ने हलफनामा दायर कर वादा किया कि वह भविष्य में ऐसी कोई अपमानजनक टिप्पणी या सोशल मीडिया पोस्ट नहीं करेंगे. न्यायमूर्ति अमित बंसल ने रामदेव को 24 घंटे में आपत्तिजनक सामग्री हटाने का आदेश दिया था. मामले की अगली सुनवाई 9 मई 2025 को होगी.
‘शरबत जिहाद’ टिप्पणी से विवाद
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन इंडिया ने रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि फूड्स लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. हमदर्द ने आरोप लगाया कि पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए रामदेव ने दावा किया कि रूह अफजा से कमाया गया धन मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में उपयोग होता है. इस शरबत जिहाद टिप्पणी को हमदर्द ने अपमानजनक और ब्रांड की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया. 22 अप्रैल, 2025 को कोर्ट ने इस टिप्पणी को अक्षम्य करार देते हुए कहा इसने हमारी अंतरात्मा को झकझोर दिया है.
कोर्ट का सख्त रुख और रामदेव का जवाब
हाईकोर्ट ने रामदेव से हलफनामा मांगा कि वे भविष्य में प्रतिस्पर्धी उत्पादों के खिलाफ अपमानजनक बयान, पोस्ट या विज्ञापन जारी नहीं करेंगे. हमदर्द के वकील ने कोर्ट को बताया कि रामदेव ने आपत्तिजनक यूट्यूब वीडियो को हटाने के बजाय केवल निजी कर दिया. जवाब में रामदेव के वकील ने कहा हम अदालत का बहुत सम्मान करते हैं और उसके निर्देशों का पालन करेंगे. उन्होंने 24 घंटे में सभी विवादास्पद सामग्री हटाने का आश्वासन दिया और मुकदमा समाप्त करने की अपील की.
1 मई 2025 को कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद उनके वकील ने तुरंत आपत्तिजनक सामग्री हटाने का वादा किया. शुक्रवार को दायर हलफनामे में रामदेव ने भविष्य में ऐसी गलतियां न दोहराने की प्रतिबद्धता जताई. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई को 9 मई तक स्थगित कर दिया.
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