बहादुरगढ़. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शिरकत कर चर्चे में आई हिमानी नरवाल की हत्या ने हरियाणा और कांग्रेस को हिलाकर रख दिया है. हत्यारोपी सचिन को गिरफ्तार कर लिया गया है. कहते हैं कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधी चाहें कितनी होशियारी करे कोई न कोई चूक जरूर करता है. इस हत्याकांड में भी ऐसा ही हुआ. हिमानी का शव बरामद होने के बाद पुलिस उसके फोन को तलाश रही थी और वह फोन सचिन के पास था.
1 मार्च को शव मिलने के बाद पुलिस ने जब आसपास के सीसीटीवी को खंगाला तो सचिन सूटकेस लेकर जाते दिखाई दिया. पुलिस ने पहले ही फोन को ट्रेस पर लगा दिया था. रविवार को उसका फोन दो बार ऑन हुआ और हिमानी के मोबाइल फोन की लोकेशन दिल्ली के मुंडका में मिली. फोन को ऑन करना सचिन पर भारी पड़ा और पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सचिन को अदालत में पेश कर तीन दिन का रिमांड लिया है. अभी तक की पुलिस पूछताछ में मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाने वाले सचिन ने कई ऐसे राज उगले हैं जिससे कांग्रेस के सियासतदानों की परेशानी बढ़ सकती है. हिमानी की मां सविता पैसों के लेनदेन के आरोप को गलत बता रही हैं और हत्यारे के लिए सजा-ए-मौत की मांग कर रही हैं.
सचिन ने होशियारी से हत्याकांड को अंजाम दिया, ह्त्या से पहले सचिन ने हिमाने के हाथ बांधे, फिर मोबाइल चार्जर से गला घोंटा. सचिन जानता था कि हाथ नहीं बांधे तो हिमानी बेशक महिला है लेकिन वह संघर्ष करेगी. हिमानी ने संघर्ष किया भी, हत्या के समय उसने सचिन को नाखूनों से नोंचा था. हत्या के बाद सचिन लैपटॉप, जेवरात लेकर हिमानी की स्कूटी से झज्जर के गांव कानोंदा स्थित अपनी मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर गया। काम संभाला और चार घंटे बाद फिर हिमानी के घर पहुंचा. वहां पर सबूत मिटाये, फिर शव को हिमानी के सूटकेस में बंद किया और रात 10 बजे ऑटो रिक्शा से दिल्ली बाईपास पहुंचा. वहां से बस से सांपला पहुंचा और बस स्टैंड के पास दीवार से लगी झाड़ियों में सूटकेस को फेंक दिया.
सूटकेस लेकर जाते समय वह सीसीटीवी में कैद हो गया. हिमानी का फोन ले जाना और उसे बीच-बीच में ऑन करना उसके लिए सबसे बड़ा काल बना. इतना ही नहीं 1 मार्च को उसने निजी फाइनेंस कंपनी के पास हिमानी के घर से चुराए गहने को दो लाख में गिरवी भी रखा. इस तरह सचिन द्वारा हिमानी का मोबाइल फोन लेकर जाना, सूटकेस लेकर जाते हुए सीसीटीवी में कैद होना और गहने को गिरवी रखना उसके लिए काल बनता गया. यदि वह बीच बीच में हिमानी का फोन ऑन नहीं करता तो पुलिस के लिए उसकी गिरफ्तारी टेढ़ खीर बन जाती.
आपको बता दें कि सचिन ने 10 वर्ष पहले यूपी की ज्योति से प्रेम विवाह किया था, उसकी पत्नी दो दिन पहले ही मायके गई थी. सचिन मां-बाप का इकलौता बेटा है. पहले से उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है. रोजी रोटी के लिए वह बहादुरगढ़ के कानोंदा बस अड्डे के पास मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान चलाता है. दुकान भी उसने एक साल पहले ही खोली थी, उससे पहले वह नांगलोई में दुकान चलाता था.
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