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26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को NIA डमी कोड के जरिए ऐसे ले आई अमेरिका से, जानें पूरी कहानी!

मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को हिरासत में लेने के साथ एनआईए को बड़ी सफलता मिली है। एनआईए अब तहव्वुर हुसैन राणा से मुंबई आंतकी हमले के कई राज उगलवाएगी। भारत में उसके गुनाहों की सजा दी जाएगी।

NIA
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  • Last Updated: April 11, 2025 08:19:01 IST

नई दिल्ली: मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के एक अहम आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार देर रात उसे अपनी हिरासत में ले लिया। नई दिल्ली की एक विशेष अदालत के आदेश के बाद यह गिरफ्तारी संभव हो पाई।

डमी फ्लाइट कोड 

तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए जिस चार्टर्ड विमान — गल्फस्ट्रीम G550 — का इस्तेमाल हुआ, उसके लिए एक डमी फ्लाइट कोड तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य था कि उड़ान की लोकेशन सार्वजनिक फ्लाइट ट्रैकर्स पर न दिखाई दे, जिससे किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके।

लॉस एंजेल्स से दिल्ली तक का सफर

यह हाई-प्रोफाइल प्रत्यर्पण बुधवार सुबह लॉस एंजेल्स से शुरू हुआ। रास्ते में रोमानिया में एक छोटा पिट स्टॉप लिया गया और शाम करीब 6 बजे विमान नई दिल्ली पहुंचा। एयरपोर्ट पर तहव्वुर राणा को देखकर कोई भी अंदाजा नहीं लगा सकता था कि यह वही व्यक्ति है जिसने 2008 में मुंबई के पवई इलाके के होटल में एक साधारण कारोबारी के रूप में चेक-इन किया था।

कमांडो सुरक्षा के बीच यात्रा

पूरे सफर के दौरान राणा को विमान में बीच की सीट पर बैठाया गया था, जबकि उसके चारों ओर NSG कमांडो तैनात थे। विमान में उसके ठीक पीछे NIA के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। भारत पहुंचने के बाद अमेरिकी स्काई मार्शल्स की मदद से राणा को सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी कस्टडी में लिया।

20 गाड़ियों के काफिले में कोर्ट पहुंचा राणा

एयरपोर्ट पर गिरफ्तारी और मेडिकल जांच के बाद, तहव्वुर राणा को भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट ले जाया गया। करीब 20 वाहनों का काफिला और SWAT कमांडो की सुरक्षा व्यवस्था उसके साथ थी। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर राणा को अदालत पहुंचाया गया, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई।

कानूनी लड़ाई के बाद हुआ प्रत्यर्पण

एनआईए ने वर्षों की कोशिशों और लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद राणा का प्रत्यर्पण सुनिश्चित किया। अमेरिका के लॉस एंजेलेस में हुई लंबी कानूनी लड़ाई और अदालतों में अपीलों के खारिज होने के बाद, उसे विशेष विमान के जरिए एनएसजी और एनआईए के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में भारत लाया गया।

अमेरिकी कोर्ट से नहीं मिली राहत

राणा की ओर से प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कई कानूनी कोशिशें की गईं, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर आपातकालीन आवेदन भी शामिल था। लेकिन सभी प्रयास असफल रहे और अंततः अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय एजेंसियों के साथ मिलकर उसका प्रत्यर्पण पूरा किया।

प्रत्यर्पण में अमेरिकी एजेंसियों से मिला सहयोग

प्रक्रिया के दौरान NIA ने अमेरिका की प्रमुख एजेंसियों जैसे FBI और यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (USDOJ) के साथ समन्वय में काम किया। यह सहयोग भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

कोर्ट में किया गया पेश

तहव्वुर राणा के दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद एनआईए ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। एनआईए की हिरासत के दौरान तहव्वुर राणा से पूछताछ की जाएगी ताकि 26/11 हमले की साजिश और उसके नेटवर्क के बारे में गहराई से जानकारी मिल सके। मुंबई में हुए उस आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।

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