मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को मीडिया में चल रही उन रिपोर्ट्स पर बयान देने से इनकार कर दिया, जिनमें उद्धव ठाकरे (शिवसेना UBT) और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे (मनसे प्रमुख) के बीच सुलह होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
फडणवीस ने कहा कि मुझे इसमें कोई रुचि नहीं है कि मैं बेगानी शादी में मैं अब्दुल्ला बनकर कूद पड़ूं। ये दोनों अलग-अलग राजनीतिक दल हैं और दोनों आपस में भाई हैं, उन्हें ही तय करना है कि वे क्या करना चाहते हैं। जब वे कोई निर्णय लेंगे, तब हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे।
बता दें कि राज ठाकरे ने 2006 में शिवसेना से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की स्थापना की थी। कुछ दिन पहले उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे के साथ संभावित गठबंधन का संकेत दिया था। गठबंधन की अटकलों पर उद्धव ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता जो निर्णय लेगी, वही मान्य होगा।
हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि क्या शिवसेना (UBT) और मनसे के बीच किसी प्रकार की बातचीत चल रही है, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए सिर्फ इतना कहा कि दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के मन में इस संबंध में कोई भ्रम नहीं है।
मनसे प्रवक्ता और मुंबई यूनिट के अध्यक्ष संदीप देशपांडे ने कहा कि यदि शिवसेना (UBT) को गठबंधन की इच्छा है, तो उन्हें पहले राज ठाकरे को औपचारिक प्रस्ताव भेजना चाहिए या कम से कम फोन पर इस मुद्दे पर बातचीत करनी चाहिए।
मनसे ठाणे इकाई के अध्यक्ष अविनाश जाधव ने भी कहा, गठबंधन जैसे निर्णय सार्वजनिक मंचों पर नहीं होते। अगर शिवसेना (UBT) इस बारे में गंभीर है, तो उन्हें मनसे को औपचारिक प्रस्ताव देना चाहिए। अगर उद्धव ठाकरे एक कदम आगे बढ़ते हैं, तो राज ठाकरे 100 कदम आगे चलने को तैयार हैं।
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