नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर तगड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि हम किसी भी शख्स को स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अनुचित और असंयमित भाषा का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। इन लोगों ने हमें आजादी दिलाई, उनके प्रति हमारा व्यवहार क्या होना चाहिए इस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भविष्य में आपने इस तरह का कोई भी बयान दिया तो फिर हम स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे। कृपया स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने से बचें।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने वीर सावरकर पर टिप्पणी के सिलसिले में ट्रायल कोर्ट के द्वारा जारी किए गए समन पर रोक लगा दी। मालूम हो कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 4 अप्रैल को समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
सावरकर को बताया था ‘अंग्रेजों का नौकर’
राहुल गांधी की याचिका पर जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने सुनवाई की। सुनवाई की शुरुआत में ही जस्टिस दत्ता ने राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने सावरकर को ‘अंग्रेजों का नौकर’ कहा था।
जस्टिस दत्ता ने कहा कि क्या इसी आधार पर महात्मा गांधी को भी ‘अंग्रेजों का नौकर’ कहा जा सकता है, क्योंकि उन्होंने भी वायसराय को लिखे हुए अपने पत्रों में ‘आपका वफादार सेवक’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था।
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