IMF New Conditions On PAK: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और सीमा पर हुए हमलों के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर (लगभग 8,500 करोड़ रुपये) के लोन को मंजूरी दी थी. इस फैसले की भारत सहित कई देशों ने कड़ी आलोचना की थी क्योंकि पाकिस्तान को आतंकवाद को पनाह देने वाला देश माना जाता है. भारत ने आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में वोटिंग से दूरी बनाकर अपना विरोध दर्ज किया था. अब आईएमएफ ने पाकिस्तान की आर्थिक मदद के लिए अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें थोप दी हैं जिसने पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
पाकिस्तान की कर्ज से जूझती अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए आईएमएफ ने 9 मई 2025 को 1 अरब डॉलर की तत्काल राशि जारी की थी. जो 7 अरब डॉलर के एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) का हिस्सा थी. इसके अलावा 1.4 अरब डॉलर की रेज रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (आरएसएफ) के तहत भी मंजूरी दी गई थी. लेकिन अब आईएमएफ ने अगली किस्त के लिए 11 सख्त शर्तें लागू की हैं जिनमें प्रमुख हैं.
आईएमएफ ने चेतावनी दी है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव, यदि बना रहा या और बिगड़ा तो कार्यक्रम के वित्तीय, बाहरी और सुधार लक्ष्यों को जोखिम में डाल सकता है. स्टाफ लेवल रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो हफ्तों में दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ा है हालांकि बाजार की प्रतिक्रिया अभी तक सीमित रही है. पाकिस्तान के रक्षा बजट में 18% की बढ़ोतरी की योजना ने भी आईएमएफ की चिंताएं बढ़ाई हैं क्योंकि भारत ने पहले ही चेतावनी दी थी कि इन फंड्स का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवाद के लिए हो सकता है.
भारत ने आईएमएफ के फैसले का विरोध करते हुए कहा था कि पाकिस्तान का पिछले 35 सालों में 28 आईएमएफ कार्यक्रमों का रिकॉर्ड खराब रहा है. भारत ने चेताया कि इन फंड्स का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए हो सकता है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा यह कर्ज पाकिस्तान को सीमा पर गोला-बारूद के लिए प्रतिपूर्ति कर रहा है. पूर्व पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन ने भी ट्रंप प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाए, इसे आतंकवाद समर्थक और चीन समर्थित शासन को मदद देने वाला कदम बताया.