पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए भारतीय सेना ने इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट के तहत 85 वी स्वॉर्ड मिसाइलों की खरीदारी का निर्णय लिया है। इसके साथ 48 लॉन्चर और नाइट विजन साइट्स भी खरीदी जाएंगी। वी स्वॉर्ड मिसाइल की खासियत यह है कि यह बिना किसी बड़े धमाके के अपने लक्ष्य को सटीक तरीके से नष्ट कर सकती है। इसे विशेष रूप से उन आतंकियों को निशाना बनाने के लिए उपयोग किया जाता है, जो आम लोगों के बीच छिपे होते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों के खिलाफ भी किया जा सकता है।
यह मिसाइल आमतौर पर ड्रोन के जरिए लॉन्च की जाती है, जिससे यह लंबी दूरी के लक्ष्यों को बहुत सटीकता से भेद सकती है। अमेरिका ने इसी प्रकार की मिसाइल का इस्तेमाल अलकायदा के प्रमुख और 9/11 हमले के मास्टरमाइंड, अयमान अल जवाहिरी को मारने के लिए किया था।
यह मिसाइल बहुत छोटी और हल्की होती है, जिसे आसानी से ड्रोन से छोड़ा जा सकता है। इसका निशाना बेहद सटीक होता है, और इसमें किसी प्रकार के विस्फोटक का प्रयोग नहीं होता। इसका मतलब यह है कि यह केवल अपने लक्ष्य को नुकसान पहुंचाती है, जबकि आस-पास के लोग सुरक्षित रहते हैं। इस मिसाइल के अंदर छह तेज धारदार ब्लेड होते हैं, जो लक्ष्य के पास पहुंचने से ठीक पहले बाहर निकलते हैं। ये ब्लेड मिसाइल को अपने निशाने पर सटीक रूप से पहुंचाकर उसे नष्ट कर देते हैं, जबकि इसके आसपास के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता। इन ब्लेड्स का आकार तलवार की तरह होता है, जिस कारण इसे वी स्वॉर्ड नाम दिया गया है।
भारत द्वारा इस तकनीक का उपयोग आतंकवादियों के खिलाफ सटीक और प्रभावी कार्रवाई के लिए किया जा सकता है, जिससे नागरिकों को न्यूनतम खतरा होगा और सेना का मिशन पूरी तरह से सफल रहेगा।
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