Inkhabar
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • शेख हसीना को फिर मिला भारत का सहारा, 1975 से 2024 तक की मदद की कहानी

शेख हसीना को फिर मिला भारत का सहारा, 1975 से 2024 तक की मदद की कहानी

बांग्लादेश में हिंसा बढ़ चुकी है और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। शेख हसीना अब सेना के विशेष विमान

India extended helping hand to Sheikh Hasina journey1975 to 2024
inkhbar News
  • Last Updated: August 5, 2024 23:05:13 IST

PM Sheikh Hasina: बांग्लादेश में हिंसा बढ़ चुकी है और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया है। शेख हसीना अब सेना के विशेष विमान से भारत के लिए रवाना हो चुकी हैं। यह पहली बार नहीं है जब भारत ने शेख हसीना को मदद का हाथ बढ़ाया है। 1975 में भी भारत ने शेख हसीना को सिर छिपाने के लिए जगह दी थी। आइए जानते हैं पूरी कहानी।

1975: शेख हसीना की पहली मदद

1975 में बांग्लादेश में भयंकर नरसंहार हुआ था। शेख हसीना के परिवार के 18 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। उस समय शेख हसीना अपने बच्चों के साथ दिल्ली के पंडारा रोड पर रह रही थीं। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को शरण दी और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई।

कैसे भारत आई थीं शेख हसीना

शेख हसीना ने बताया कि जब उनके पिता की हत्या हुई, तब वह जर्मनी में अपने पति से मिलने गई हुई थीं। इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को सूचित किया कि वह उन्हें सुरक्षा और शरण देना चाहती हैं। इसके बाद युगोस्लाविया के मार्शल टिटो और इंदिरा गांधी ने शेख हसीना को दिल्ली लाया। वहां उन्हें पंडारा रोड पर एक सीक्रेट घर में रखा गया, जहां टॉप लेवल सिक्योरिटी थी। उनके पति को भी एक नौकरी दी गई थी।

2024: इतिहास का दोहराव

1975 के बाद एक बार फिर 2024 में शेख हसीना ने सुरक्षा के लिए भारत से मदद मांगी है। मोदी सरकार शेख हसीना को शरण देने जा रही है, जैसे 1975 में इंदिरा गांधी ने किया था। भारत और बांग्लादेश के बीच यह मजबूत संबंध एक बार फिर साबित करता है कि भारत हमेशा अपने पड़ोसियों की मदद के लिए तैयार रहता है।

 

ये भी पढ़ें: Bangladesh Government Crisis: अफगानिस्तान से बांग्लादेश तक, जानें दुनिया के बड़े तख्तापलट